कोई भी कंपनी में काम करनेवाले का सैलरी लेने का प्राथमिक अधिकार है। कंपनी को एक निश्चित तारीख पर सैलरी देनी होती है। वैसे जब कंपनी किसी को काम पर रखती है तभी सैलरी कब होगी और कैसे होगी एवं कितनी होगी यह काम करनेवाले को लिखित में देना होता है। अगर आप ने कंपनी में काम किया है और आप को सैलरी देने से इंकार किया जाता है तो आप कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते है। हालांकि कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले आप को कंपनी के सम्बंधित अधिकारी को इस के बारे में लिखित में फ़रियाद करना जरूरी है और अगर तब भी आप को सैलरी ना दी जाए तो आप लेबर कोर्ट में कंपनी के खिलाफ मुकद्दमा दायर कर सकते है।
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मुकद्दमा कैसे दायर करे?
हमारे देश में हर राज्य में एक लेबर कोर्ट होता है। आप अपने राज्य के लेबर कोर्ट में लिखित में फ़रियाद कर सकते है जिसकी एक कॉपी आप को दी जाती है और एक कॉपी कंपनी को भेजी जाती है। आप केस लड़ने के लिए कोई अच्छा एडवोकेट रख सकते है या खुद भी लड़ सकते है। केस फ़ाइल करने के साथ आपको कंपनी में आप ने काम किया है उस का हर प्रूफ देना पड़ता है। आप को अपना अपॉइंटमेंट लेटर, रजिस्टर और ऐसे गवाह देने पड़ते है जो की अदालत को आप कंपनी में काम करते थे वो बात बता सके। यहां यह याद रखना जरूरी है की आप ने कंपनी में सही से काम किया हो और आप के खिलाफ कंपनी में कोई शिकायत ना हो। इतने प्रूफ देने के बाद अदालत कंपनी को आप को सेलरी और रुके हुए सारे पैसे चुकाने के लिए आदेश दे सकती है।