कल्पना चावला भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थी, कल्पना चावला का अंतरिक्ष पर कदम किसी सपने से कम नहीं था,यही कारण है, की कल्पना चावला को भारत की सफल और प्रेरणादायक महिला के रूप में जाना जाता है | कल्पना चावला को बचपन से ही अंतरिक्ष यात्री बनने का मन था।
कल्पना चावला ने अपनी पढ़ाई टैगोर पब्लिक स्कूल करनाल से की और आगे की पढ़ाई पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज, से करते हुए 1982 में Engineering स्नातक की उपाधि प्राप्त की | उसके बाद वह 1982 में संयुक्त राज्य अमेरिका गईं और 1984 में टेक्सास विश्वविद्यालय आर्लिंगटन से Master Pilot Engineering की उपाधि से प्राप्त की।
कल्पना जी ने 1986 में दूसरी विज्ञान Master की उपाधि और 1988 में कोलोराडो विश्वविद्यालय बोल्डर से Aeronautical engineering में Doctor of information की उपाधि पाई। इस तरह वो अपने सपने को पूरा करने में सफल रहीं |
(courtesy-india)
कल्पना चावला ऐसी कई बातें हैं जो लोग आज तक याद करते हैं | सबसे दुःख भरा दिन वो था जब 1 फरवरी 2003 को मात्र धरती से 16 मिनट की दूरी पर कल्पना चावला की मौत हो गयी थी | जब वह अपने साथियो के साथ अंतरिक्ष से धरती की और लौट रही थी | उनकी मौत बहुत ही दुःख भरी थी क्योंकि वो धरती के इतने करीब होने के बाद भी धरती तक नहीं पहुंची | कल्पना चावला का अंतरिक्ष यान धरती से लगभग 2 लाख फीट की ऊंचाई था और तभी अचानक उनके यान का संपर्क NASA से टूट गया |
कल्पना चावला की यह दूसरी अंतरिक्ष यात्रा थी जिसे कभी कोई भूला नहीं पायेगा , क्योंकि मौत के चंद मिंटो पहले ही कल्पना चावला ने कहा था कि "मैं अंतरिक्ष के लिए बनी हूं और अंतरिक्ष के लिए ही मरूंगी " |
कल्पना चावला एक ऐसी भारत की बेटी थी जिसके नाम से आज भी देश के युवा प्रेरित हैं |