जहांगीर के बचपन का नाम सलीम चिश्ती था। ये जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर के पुत्र थे। सलीम चिश्ती ने जहांगीर की उपाधि लेकर शासन करना शुरू किया। उनका पूरा नाम नुरुद्दीन मुहम्मद जहांगीर बादशाह गाजी था। जहांगीर जब केवल 12 वर्ष के थे तब उन्हें अपने दरबार के एक नृत्यका अनारकली से बेइंतहा मोहब्बत हो गई थी। जहांगीर हर समय अनारकली के पास रहते हैं इसलिए अकबर ने अनारकली को अफगानिस्तान भिजवा दिया। पर अनारकली के प्यार की याद में साल 1615 मे सलीम ने लाहौर में मकबरा बनवाया।
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