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जहांगीर का बचपन का नाम सलीम चिश्ती था जहांगीर के पिता का नाम जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर था। और इनकी माता का नाम मरियम उज्जमानी था सम्राट अकबर ने अपने पुत्र का नाम फतेहपुर सीकरी के शेख सलीम चिश्ती के नाम पर उनका नाम रखा था और सम्राट अकबर ने अपने बेटे को बहुत ही कम उम्र में सैन्य और साहित्य मे निपुण बनाने का प्रयास करना प्रारंभ कर दिए थे। जहांगीर ने इतिहास, अंकगणित, भूगोल, आरबी, फारसी आदि विषयों के बारे में शिक्षा ग्रहण कर ली थी इतिहासकारों के मुताबिक सम्राट अकबर और उनके बेटे जहांगीर का रिश्ता अच्छा नहीं था। जहांगीर की मृत्यु 28 अक्टूबर 1627 में हुई थी।
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जहांगीर के बचपन का नाम सलीम चिश्ती था। ये जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर के पुत्र थे। सलीम चिश्ती ने जहांगीर की उपाधि लेकर शासन करना शुरू किया। उनका पूरा नाम नुरुद्दीन मुहम्मद जहांगीर बादशाह गाजी था। जहांगीर जब केवल 12 वर्ष के थे तब उन्हें अपने दरबार के एक नृत्यका अनारकली से बेइंतहा मोहब्बत हो गई थी। जहांगीर हर समय अनारकली के पास रहते हैं इसलिए अकबर ने अनारकली को अफगानिस्तान भिजवा दिया। पर अनारकली के प्यार की याद में साल 1615 मे सलीम ने लाहौर में मकबरा बनवाया।
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जहांगीर के बचपन का नाम सलीम चिश्ती था । इनका जन्म 31 अगस्त 1569 को मुगल सम्राट अकबर के बेटे के रूप में जन्मे थे और अकबर ने अपने पुत्र का नाम फतेहपुर सीकरी के शेख सलीम चिश्ती के नाम पर उसका नाम रखा गया था अकबर ने अपने बेटे को बहुत कम उम्र में ही सैन्य और साहित्य में निपुण बनाने के प्रयास शुरू कर दिए थे। जाहगीर ने इतिहास अंकगणित फारसी, भूगोल, अरबी विज्ञान की शिक्षा ग्रहण की थी। जिससे वह काफी ज्यादा विद्वान हो गए थे।
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