आम आदमी को बैंकिंग सेक्टर से बड़ा झटका लगा है। भारतीय स्टेट बैंक ने कर्ज पर ब्याज दर को 0.20 प्रतिशत सेबढ़ाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक और पीएनबी ने भी गुरुवार को कर्जदरों में इजाफे की घोषणा की। बैंकों के इस कदम से होम लोन महंगा हो जाएगा और आपकी ईएमआई बढ़ेगी।
एसबीआई ने कर्ज पर ब्याज अप्रैल 2016 के बाद पहली बार बढ़ाई है। बैंक की एक साल के कर्ज पर मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) 7.95 प्रतिशत थी। इसमें 0.20 प्रतिशत अंक की वृद्धि कर दी गई है। इसके साथ ही छह महीने के कर्ज पर एमसीएलआर 0.10 प्रतिशत बढ़ाकर 8 प्रतिशत रखी गई है। 3 साल की अवधि के कर्ज पर ब्याज दर को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 8.35 प्रतिशत किया गया है।
हालांकि, देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने एक दिन पहले ही अपनी खुदरा और थोक जमा दरों को 0.75% तक बढ़ाया है। एक करोड़ रुपये तक की खुदरा जमा दर में 0.50 प्रतिशत तक वृद्धि की गई है। एसबीआई की तरह आईसीआईसीआई और पीएनबी ने भी MCLR में 15 बेसिस पॉइंट का इजाफा किया है। एचडीएफसी और कुछ अन्य बैंक अगले सप्ताह इस पर फैसला ले सकते हैं।
वजह-
- बैंकों की ब्याज दरें सीधी कोस्ट ऑफ फंड से जुड़ी हैं। बैंक फंड के दो स्रोत हैं। एक डिपॉजिट और दूसरा मनी मार्केट। नोटबंदी के बाद बैंकों के पास बड़ी मात्रा में फंड डिपॉजिट हुआ था, लेकिन अब वैसी स्थिति नहीं रही।
- डिपॉजिट बढ़ाने कुछ बैंकों ने ब्याज दरें भी बढ़ाई थीं। वहीं, मनी मार्केट से सरकार, इंडस्ट्री व बैंक पैसा उठाते हैं। फिलहाल इंडस्ट्री मनी मार्केट की बजाय बैंकों से पैसे ले रहे हैं।
- डिमांड बढ़ने पर बैंक मनी मार्केट से पैसा उठाते हैं। डिमांड बढ़ने पर मनी मार्केट में ब्याज बढ़ा। ऐसे में वहां भी फंड की लागत बढ़ गई। इस बढ़ी हुई लागत को मैच करने के लिए बैंकों को ब्याज दरें बढ़ानी पड़ी हैं।
- आईसीआईसीआई ने एक साल के कर्ज पर ब्याज 0.10% बढ़ाया है। अब 50 लाख के होमलोन की ईएमआई 43,867 से बढ़कर 44,185 हो जाएगी।
- पंजाब नेशनल बैंक ने कर्ज 0.15% महंगा किया है। इसके 50 लाख के होमलोन की ईएमआई 43,550 से बढ़कर 44,026 हो जाएगी।