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स्तनपान का महत्वः
स्तनपान से मां और शिशु के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव होता है। जो कि महिलाओं में हार्मोन का संतुलन का भी काम करता है। स्तनपान मां और बच्चे दोनों के लिए वरदान जैसा है।
नियमित स्तनपान करानेवाली स्त्रियों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती है। मां के दूध में कोलेस्ट्रॉल होता है। जिससे बच्चे को क्रॉनिक बीमारियों जैसे- अस्थमा, डायबिटीज, मोटापा और एलर्जी आदि से दूर रखता है। मां के दूध के कारण के ही बच्चे के छः माह तक संक्रमण से बचाव होता है।
जन्म से छः माह तक बच्चे में इम्यूनिटी न के बराबर होती है। मां का दूध शिशु को संक्रमण और दस्त-उल्टी, और कई रोगों से भी बचाता है।
वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीकः 1990 में (WHO) एवं अन्य संगठनों की घोषणा पर (WABA) का गठन कर 1991 में 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है।
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