हिंदी पत्रकारिता दिवस कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है इसके बारे में पूरी जानकारी के लिए इस उत्तर को जरूर पढ़ें।
विश्व की सबसे शक्तिशाली भाषाओं में हिंदी तीसरी बड़ी भाषा है और इसका मीडिया सबसे मुखर है।
आखिरकार एक सवाल आपके दिमाग में आ रहा होगा कि हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत सबसे पहले कब हुई थी। आपको बता दें कि हिंदी पत्रकारिता गुलामी की जंजीरों में जकड़े देश को आजाद करने के लिए शुरू हुई थी। अपने इस नेक काम में पत्रकारिता हिंदी सफल भी हुई।
आपको बता दें केवल हिंदी ही नहीं बल्कि बांग्ला, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगू आदि तमाम भारतीय भाषाओं की पत्रकारिता ने भी अंग्रेजों की नींद हराम कर दी थी।
चलिए इस कड़ी में आपको बता दें कि हिंदी पत्रकारिता 30 मई को हर साल मनाया जाता है। 30 मई को ही हिंदी पत्रकारिता दिवस क्यों मनाया जाता है, इसके बारे में आगे पढ़ें।
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30 मई को विश्व में हिंदी पत्रकारिता दिवस
- जब छापेखाने का आविष्कार हुआ तो हर भाषाओं में अखबार भी छपने लगा। आपको बता दें कि अंग्रेजी के बाद बांग्ला-भाषा में सबसे पहले समाचार पत्र छपना शुरू हुआ था।
- Kolkata में अखबार प्रकाशन का सिलसिला जारी हो चुका था।
- इसी कड़ी में कानपुर के पंडित जुगल किशोर जिन्हें युगल किशोर भी कहा जाता है और सुकूल नाम से भी संबोधित किया जाता है। इन्होंने 30 मई 1826 में सबसे पहला हिंदी-अखबार उदंत मार्तंड का प्रकाशन कोलकाता मे किया था। Hindi devnagri लिपि में और भाषा में लिखा जाने वाला यह अखबार हिंदी पत्रकारिता की नींव की कड़ी बन गई।
हिंदी का पहला अखबार डेढ़ साल बाद बंद क्यों हो गया?
हालांकि आर्थिक कारणों के चलते और कोलकाता में हिंदी के पाठक कम होने के कारण हिंदी का पहला समाचार पत्र "उदन्त मार्तंड" कुल 79 अंक निकालने के बाद दिसंबर 1827 को इसका प्रकाशन बंद हो गया है।
- उदंत मार्तंड पाक्षिक पत्रिका ने हिंदी समाचार पत्र की आधारशिला रखी और इसके बाद कई अखबार हिंदी में निकलना शुरू हो गया और उस समय हिंदी पत्रकारिता का लक्ष्य भारतीयों को आजादी दिलाने और देश भावना को जागृत करना था।
- Pratap samachar patra 1913 में गणेश शंकर विद्यार्थी द्वारा प्रकाशित हुआ। जो अंग्रेज के विरुद्ध और उनके अत्याचारों की खबरें देश के हर कोने से बटोर कर अखबारों में छापते थे जिस कारण से देशवासियों के मन में आजादी की भावना पनपी। उस समय गणेश शंकर विद्यार्थी जैसा महान पत्रकार ने हिंदी पत्रकारिता को एक नई दिशा दी।
- पंडित जुगल किशोर शुक्ल उदंत मार्तंड प्रथम अखबार का प्रकाशन करके हिंदी अखबार को एक नई दिशा प्रदान की। जुगल किशोर जी एक महान संपादक और पत्रकार भी थे।
- जुगल किशोर के महान कार्य के लिए यानि पत्रकारिता की शुरुआत हुई इस दिन यानी 30 मई 1826 को हुई थी। इसलिए इस दिन विश्व हिंदी पत्रकारिता-दिवस के रूप में मनाया जाता है इसलिए विश्व हिंदी पत्रकारिता दिवस 30 मई से हर साल मनाया जाता है।