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विश्व का सबसे प्रसिद्ध स्थान श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर हैं! भारत के आन्ध्रप्रदेश राज्य के चित्तोड़ जिले के तिरुपति में स्थित है। यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है जो भगवान विष्णु के अवतार थे, लोगो का ऐसा मानना है की काली युग से आ रही मुश्किलों और क्लेश के चलते वे मानवी जीवन को बचाने के लिये अवतरित हुए थे। इसीलिये इस जगह को कलियुग वैकुंठम का नाम दिया गया और यहाँ के भगवान को कलियुग प्रथ्यक्षा दैवं का नाम दिया गया था। यह मंदिर दुसरे भी नामो से जाना जाता है जैसे की तिरुमाला मंदिर, तिरुपति मंदिर, तिरुपति बालाजी मंदिर। वेंकटेश्वर भगवान भी कई नामो से जाने जाते है जैसे की बालाजी, गोविंदा और श्रीनिवासा।
तिरुपति बालाजी मंदिर विश्व का सबसे समृद्ध और धनवान मंदिर है, जहाँ भक्तगण करोडो रुपयों का दान देते है। रोज़ तक़रीबन 50,000 से 100,000 तीर्थयात्री मंदिर के दर्शन करने आते है, विशेष रूप से त्यौहार और फेस्टिवल के समय यह संख्या 500,000 से भी उपर की हो जाती है। इसलिए तिरुपति बालाजी मंदिर को विश्व का सबसे प्रसिद्ध स्थान माना जाता है।
तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर मंदिर में साल में कुल 433 त्यौहार मनाये जाते है, साल में 365 दिन होने के बावजूद यहाँ 433 त्यौहार मनाये जाते है, जिसे “नित्य कल्याणं पच्चा तोरणं” का नाम दिया गया है, यहाँ हर दिन त्यौहार ही होता है।
यहाँ श्री वेंकटेश्वर ब्रह्मोत्सव का आयोजन भी किया जाता है, जो 9 दिनों तक चलता है, इस उत्सव को प्रतिवर्ष अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है, इस उत्सव को श्री वेंकटेश्वर मंदिर का मुख्य उत्सव माना जाता है। ब्रह्मोत्सव के समय मलायाप्पा भगवानो की यात्रा श्री देवी और भू देवी के साथ निकाली जाती है और अलग-अलग वहनं में ले जाया जाता है।
बहोत से श्रद्धालु यहाँ आकर भगवान् को अपने बाल भेट स्वरुप देते है, जिसे “मोक्कू” कहा जाता है। रोज़ लाखो तन बाल इकट्टे किये जाते है। रोज़ इन बालो को जमा किया जाता है और बी आदमे मंदिर की संस्था द्वारा इसे नीलाम कर बेच दिया जाता है। कुछ समय पहले ही मंदिर की संस्था ने बालो को बेचकर 6 मिलियन डॉलर की कमाई की थी। मंदिर में किसी भी स्त्रोत से आने वाली यह दूसरी सबसे बड़ी कमाई है।
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