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कौनसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाती है और ताकत को बनाए रखतीं हैं?


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आज यहां पर हम आपको ऐसे कई सारी जड़ी बूटियों के नाम बताएंगे जो आपके घर में आसानी से मिल सकती हैं और उनका सेवन करके आप अपने शरीर में ऊर्जा का स्तर और अधिक बढ़ा सकते हैं तो चलिए जानते हैं कि आखिर में कौन-कौन सी औषधि है।

गिलोय:-

गिलोय को हम अमृता के नाम से भी जानते हैं यह बेल के पत्तों की तरह दिखाई देता है तथा इसका रस निकालकर इसका सेवन किया जाता है इसका स्वाद थोड़ा कड़वा होता है लेकिन यह त्वचा रोग, हृदय रोग जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है।

इसके अलावा तुलसी के पत्ते, अश्वगंधा, सतावर, आंवला के पत्ते, और ऐसी कई जड़ी बूटियां है जिनका सेवन आप औषधि के रूप में कर सकते हैं।Letsdiskuss


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pravesh chuahan,BA journalism & mass comm | पोस्ट किया


शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने के लिए यहां पर हम आपको 5 आयुर्वेदिक दवाइयों के बारे में बताएंगे:-

शिलाजीत
शिलाजीत देखने में तारकोल के समान काला और गाढ़ा पदार्थ होता है जो सूखने पर चमकीला हो जाता है. यह जल में घुलनशील है, मगर अल्कोहल में घुलनशील नहीं है. शिलाजीत की पहचान एक गाढ़ा भूरे रंग का, चिपचिपा पदार्थ है जो मुख्य रूप से हिमालय की चट्टानों में पाया जाता है. इसका रंग सफेद से लेकर गाढ़ा भूरा के बीच कुछ भी हो सकता है.

शिलाजीत का उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयों में बहुत अधिक होता है इसका उपयोग मुख्य रूप से भूलने की बीमारी क्रोनिक थकान सिंड्रोम, आयरन की कमी से होने वाला रक्ताल्पता, पुरुष प्रजनन क्षमता में कमी अथवा हृदय के लिए लाभदायक है. शिलाजीत का अधिकतर उपयोग सेक्स पावर को बढ़ाने के लिए किया जाता है.

गिलोय

गिलोय भी शरीर में ऊर्जा बढ़ाने के लिए लाभकारी बूटी है इसका उपयोग भी शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने के लिए किया जा सकता है क्योंकि यह पेट की बीमारी को ठीक करता है गिलोय बेल के रूप में व इसका पत्ता पान के पत्ते की तरह दिखता है। आयुर्वेद में इसे अमृता, गुडुची, चक्रांगी आदि नाम से भी जाना जाता है.लोकमान्यता है कि गिलोय जिस पेड़ के पास मिलती है और यदि उसे आधार बना ले तो उसके गुण इसमें आ जाते हैं.
गिलोय के रस का नियमित रूप से सेवन करने से पाचन तंत्र ठीक रहता है. इसके लिए आधा ग्राम गिलोय पाउडर को आंवले के चूर्ण के साथ नियमित रूप से सेवन करना चाहिए गिलोय शरीर में खून के प्लेटलेट्स की गिनती को बढ़ाती है.

आंवला
आंवले का उपयोग आप शरीर की ऊर्जा बढ़ाने के लिए कर सकते हैं क्योंकि आंवले में बहुत सारे गुण पाए जाते हैं. आयुर्वेद में आंवले का एक अलग ही स्थान है आंवला शरीर की कमजोरी को दूर करके शरीर के श्वास रोग, कब्ज, पाण्डु, रक्तपित्त, अरुचि, त्रिदोष, दमा, क्षय, छाती के रोग, हृदय रोग, मूत्र विकार आदि अनेक रोगों को नष्ट करने की शक्ति रखता है.वीर्य को पुष्ट करके पौरुष बढ़ाता है, चर्बी घटाकर मोटापा दूर करता है.सिर के केशों को काले, लम्बे व घने रखता है.
बाजार में आंवला चूरन के रूप मे और जूस के रूप में उपलब्ध है.

अश्वगंधा
शरीर की ऊर्जा बढ़ाने के लिए अश्वगंधा का उपयोग बहुत ही देखने को मिलता है. सभी ग्रथों में अश्वगंधा के महत्ता के वर्णन को दर्शाया गया है.इसकी ताजा पत्तियों तथा जड़ों में घोड़े की मूत्र की गंध आने के कारण ही इसका नाम अश्वगंधा पड़ा हैं.

अश्वगंधा को जीणोद्धारक औषधि के रूप में जाना जाता है इसमें एण्टी टयूमर एंव एण्टी वायोटिक गुण भी पाया जाता हैं. अश्वगंधा का उपयोग शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए किया जाता है अश्वगंधा के पौधों की जड़े शक्तिवर्धक होने के कारण शुक्राणु पर क्या पोस्ट होती है शरीर को शक्ति प्रदान कर बलवान बनाती है.

मुसली पाक
मुसली पाक एक ऐसी आयुर्वेदिक दवा है जो पौष्टिक टॉनिक और शारीरिक के कायाकल्प के रूप में काम करता है. यह शारीरिक शक्ति बहाल करने में मदद करता है. यह पुरुषों में सहनशक्ति, शक्ति, समय और परफॉरमेंस को भी बढ़ाता है.

सफेद मुसली स्वाभाविक रूप से पुरुषों में प्रजनन क्षमता बढ़ाने में मदद करती है.यह सीमेन की क्वालिटी और मात्रा में सुधार करने में मदद करता है जो पुरुष यौन गतिविधि के दौरान पैदा होता है.इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो ऑक्सीकरण को रोकता है और ताकत को बढ़ाता है



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