| पोस्ट किया
भारत की सबसे पुरानी नदी कौन सी है:-
दोस्तों वैसे तो भारत में कुल मुख्य तौर पर 8 नदी प्रणाली है जिसमें 400 से भी अधिक नदियां है। चूंकि भारत की अत्यधिक जनसंख्या जीविका के लिए खेतों पर निर्भर करती है इसलिए भारत में नदियों का स्थान महत्वपूर्ण है। भारतीय लोगों के जनजीवन में नदियां एक महत्वपूर्ण हिस्सा निभाती है।
इसके अलावा भारतीय धर्म में भी नदियों का महत्व बहुत बड़ा है। हिंदू धर्म से रिश्ता रखने वाले सभी लोग नदी को माता की तरह पूजते हैं ।सभी नदियों की लंबाई, उद्गम स्थान अलग होते हैं। नदियों का नाम सुनते ही सबके दिमाग में पहला ख्याल गंगा नदी का आता है क्योंकि गंगा नदी धार्मिक और आर्थिक दोनों ही तौर पर भारतीयों के लिए काफी महत्वपूर्ण स्थान कायम किए हुए हैं लेकिन गंगा को भारत की सबसे पुरानी नदी के तौर पर नहीं जाना जाता है।
हिंदू धर्म ग्रंथ और पौराणिक कथाओं के अनुसार भारत की सबसे पुरानी नदी नर्मदा नदी है। जो की मध्य प्रदेश और गुजरात से होकर बहती है। नर्मदा की उत्पत्ति मध्यप्रदेश के ही अमरकंटक पर्वत है से होती है। यानी की नर्मदा का उद्गम स्थान अमरकंटक है एवं अमरकंटक से होते हुए भारत की सबसे पुरानी नदी नर्मदा पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हुई खंभात की खाड़ी में मिल जाती है। यह खंभात की खाड़ी अरब सागर में स्थित है।
नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नदी के नाम पर भी जाना जाता है एवं यह भारत की पांचवीं सबसे लंबी नदी है जो की पश्चिम दिशा में होकर बहती है। मध्यप्रदेश एवं गुजरात से होकर बहने के कारण ही इसे मध्यप्रदेश और गुजरात की जीवन रेखा के नाम से भी जाना जाता है।
जानकारी के लिए बता दे कि भारत में केवल दो ही नदियां ऐसी है जो पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है जिनमें पहला नाम नर्मदा का और दूसरा नाम ताप्ती नदी का आता है। भारत की सबसे पुरानी नदी नर्मदा पश्चिम की ओर सोनमूद से बहती हुई जाती है और एक चट्टान से नीचे गिरकर जलप्रपात का निर्माण करती है।
जिस जलप्रपात को कपिलधारा के नाम से भी जाना जाता है। फिर जब यह नर्मदा नदी संगमरमर के चट्टानों से निकलकर जलोढ़ मिट्टी के मैदान में प्रवेश करती है तो वहां इसे नर्मदा घाटी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म ग्रंथो में नर्मदा का महत्व अधिक देखने को मिलता है। यह एक रहस्यमयी नदी के तौर पर पूरे विश्व में विख्यात है।
गौड वंश से संपर्क रखने वाले यानी गोड़ी धर्म के लोग नर्मदा नदी की पूजा अत्यधिक करते हैं क्योंकि उनके मुताबिक नर्मदा नदी केवल भारत की सबसे पुरानी नदी ही नहीं बल्कि गोंडवाना की उत्पत्ति स्थल भी है इसलिए 14 जनवरी को अपने पूर्वजों को याद करते हुए सभी गोंडवाना वंशज के लाखों लोग नर्मदा नदी के पास दर्शन के लिए आते हैं। इसके अलावा रामायण और महाभारत जैसे पवित्र ग्रंथ में भी नर्मदा नदी के विषय में अनेक उल्लेख एवं कहानी मिली है।
जानकारी के लिए बता दे की विश्व में केवल नर्मदा नदी ही एक ऐसी नदी है जिसकी लोग परिक्रमा कर सकते हैं। अन्यथा बाकी नदियों की परिक्रमा करना किसी के लिए संभव नहीं है। इसके अलावा भारत की सबसे पुरानी नदी नर्मदा भारत की उन प्रमुख नदियों में से एक है जो पश्चिम की ओर बहती है।
यानी की नर्मदा नदी दुनिया की इकलौती ऐसी नदी है जो भारत की अन्य नदियों की अपेक्षा विपरीत दिशा में बहती है। अगर कोई व्यक्ति नर्मदा नदी के दर्शन के लिए जाता है तो उसे विंध्य और सतपुड़ा के पहाड़ और जंगल सभी को पार करते हुए जाना होगा।
नर्मदा नदी के किनारे बहुत सारे प्राचीन आश्रम और कई नगर तीर्थ भी बसे हुए हैं जैसे गरुड़ेश्वर, जबलपुर भेड़ाघाट, बल्केश्वर, ओंकारेश्वर, महेश्वर इत्यादि। अब अगर हम पुरातत्व विभाग की बात माने तो उनके अनुसार नर्मदा नदी के तट के कई इलाकों में प्राचीन सभ्यताओं के कुछ अवशेष मिले हैं जो कि इस बात पर इशारा करते हैं कि नर्मदा नदी भारत की सबसे पुरानी नदी में से एक है।
नर्मदा नदी की कुल 41 सहायक नदियां भी है जिनमे उत्तरी तट से 19 सहायक नदियां और दक्षिणी तट से 22 सहायक नदियों के बारे में जानने को मिलता है।
0 टिप्पणी
| पोस्ट किया
भारत की सबसे पुरानी नदी: एक विस्तृत परिचय
भारत की नदियाँ न केवल जल संसाधनों का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं, बल्कि वे देश के इतिहास, संस्कृति और आध्यात्मिकता का भी अभिन्न अंग हैं। इन नदियों में से कुछ अत्यंत प्राचीन हैं, जिनका इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। लेकिन सवाल यह उठता है कि भारत की सबसे पुरानी नदी कौन सी है? इस प्रश्न का उत्तर देना जटिल है, क्योंकि कई नदियाँ अत्यंत प्राचीन हैं और उनके उद्गम के सटीक समय का निर्धारण करना चुनौतीपूर्ण है। फिर भी, वैज्ञानिक अध्ययनों और पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर, हम कुछ निष्कर्ष निकाल सकते हैं।
सिंधु नदी: प्राचीनतम सभ्यता की जननी
अधिकांश विशेषज्ञ सिंधु नदी को भारत की सबसे पुरानी नदियों में से एक मानते हैं। यह नदी लगभग 3 करोड़ वर्ष पुरानी मानी जाती है और इसका उद्गम तिब्बत के कैलाश पर्वत से होता है। सिंधु नदी का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इसके तट पर ही विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक, सिंधु घाटी सभ्यता का विकास हुआ था।
सिंधु नदी का कुल प्रवाह क्षेत्र लगभग 11,65,000 वर्ग किलोमीटर है, जो भारत, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान में फैला हुआ है। यह नदी 3,180 किलोमीटर लंबी है और अरब सागर में गिरती है। सिंधु नदी घाटी में पाए गए पुरातात्विक अवशेष लगभग 5,000 वर्ष पुराने हैं, जो इस नदी के प्राचीन इतिहास को दर्शाते हैं।
सरस्वती नदी: रहस्यमयी प्राचीन नदी
सरस्वती नदी का उल्लेख वैदिक साहित्य में मिलता है और कई विद्वान इसे भारत की सबसे पुरानी नदियों में से एक मानते हैं। हालांकि यह नदी वर्तमान में अदृश्य है, लेकिन पुरातात्विक और भूवैज्ञानिक साक्ष्य इसके अस्तित्व की पुष्टि करते हैं। अनुमान है कि यह नदी लगभग 4,000 से 10,000 वर्ष पहले प्रवाहित होती थी।
हाल के अध्ययनों से पता चला है कि सरस्वती नदी का उद्गम हिमालय से होता था और यह गुजरात के रण ऑफ कच्छ में समुद्र में मिलती थी। यह नदी सिंधु घाटी सभ्यता के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी। जलवायु परिवर्तन और भूगर्भीय गतिविधियों के कारण यह नदी धीरे-धीरे सूख गई और अंततः लुप्त हो गई।
गंगा नदी: पवित्र और प्राचीन
गंगा नदी भी भारत की सबसे पुरानी नदियों में से एक है। यह नदी लगभग 4 करोड़ वर्ष पुरानी मानी जाती है। गंगा का उद्गम उत्तराखंड के गंगोत्री ग्लेशियर से होता है और यह 2,525 किलोमीटर की यात्रा के बाद बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
गंगा नदी न केवल भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र मानी जाती है। प्राचीन काल से ही इस नदी के किनारे कई महत्वपूर्ण शहरों और सभ्यताओं का विकास हुआ है। वाराणसी, जो गंगा के तट पर स्थित है, दुनिया के सबसे पुराने निरंतर बसे हुए शहरों में से एक माना जाता है।
ब्रह्मपुत्र नदी: शक्तिशाली और प्राचीन
ब्रह्मपुत्र नदी भी भारत की अति प्राचीन नदियों में से एक है। यह नदी लगभग 5 करोड़ वर्ष पुरानी मानी जाती है। ब्रह्मपुत्र का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर झील के पास से होता है और यह 2,900 किलोमीटर की यात्रा के बाद बांग्लादेश में गंगा नदी से मिलकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
ब्रह्मपुत्र नदी का महत्व इसके विशाल जल प्रवाह और इसके द्वारा लाई जाने वाली उपजाऊ मिट्टी के कारण है। यह नदी पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों के लिए जीवन रेखा है और इसके तट पर कई प्राचीन सभ्यताएँ पनपी हैं।
नर्मदा नदी: मध्य भारत की जीवन रेखा
नर्मदा नदी भी भारत की अति प्राचीन नदियों में से एक है। यह नदी लगभग 5 करोड़ वर्ष पुरानी मानी जाती है। नर्मदा का उद्गम मध्य प्रदेश के अमरकंटक से होता है और यह 1,312 किलोमीटर की यात्रा के बाद अरब सागर में गिरती है।
नर्मदा नदी मध्य भारत की जीवन रेखा है और इसके तट पर कई प्राचीन मंदिर और स्थल स्थित हैं। यह नदी न केवल जल संसाधन के रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत अधिक है।
निष्कर्ष
भारत की सबसे पुरानी नदी का निर्धारण करना एक जटिल कार्य है, क्योंकि कई नदियाँ अत्यंत प्राचीन हैं और उनके उद्गम के सटीक समय का निर्धारण करना चुनौतीपूर्ण है। हालांकि, वैज्ञानिक अध्ययनों और पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर, सिंधु, सरस्वती, गंगा, ब्रह्मपुत्र और नर्मदा को भारत की सबसे पुरानी नदियों में गिना जा सकता है।
इन नदियों का महत्व केवल उनकी प्राचीनता के कारण नहीं है, बल्कि इसलिए भी है क्योंकि वे भारतीय सभ्यता, संस्कृति और आध्यात्मिकता का अभिन्न अंग हैं। ये नदियाँ न केवल जल संसाधन प्रदान करती हैं, बल्कि वे हमारे इतिहास और विरासत का भी प्रतीक हैं।
आज के समय में, जब जल संरक्षण और नदी संरक्षण महत्वपूर्ण मुद्दे बन गए हैं, इन प्राचीन नदियों के महत्व को समझना और उन्हें संरक्षित करना हमारा कर्तव्य है। ये नदियाँ न केवल हमारे अतीत की गवाह हैं, बल्कि वे हमारे वर्तमान और भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
इस प्रकार, भारत की सबसे पुरानी नदी की खोज हमें न केवल भूगोल और इतिहास के बारे में सिखाती है, बल्कि यह हमें अपनी प्राकृतिक विरासत के प्रति सजग और जिम्मेदार बनने की प्रेरणा भी देती है। हमें इन प्राचीन नदियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रयासरत रहना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इनके महत्व को समझ सकें और इनसे लाभान्वित हो सकें।
0 टिप्पणी