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Ram kumar

Technical executive - Intarvo technologies | पोस्ट किया |


डाइबिटीज़ में सबसे ज्यादा कौन सा अंग प्रभवित होता है ?


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Occupation | पोस्ट किया


डायबिटीज की समस्या आज के समय में बेहद आम हो चुकी है, खराब लाइफस्टाइल के कारण ज्यादातर लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इस बीमारी से पीड़ित लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है जिस वजह से उन्हें अपनी सेहत की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। जब शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा अनियंत्रित हो जाती है तब डायबिटीज का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। ये बीमारी शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करती है।

अगर किसी व्यक्ति के ब्लड शुगर का स्तर लंबे समय से बढ़ा हुआ है तो उनकी किडनी भी प्रभावित हो सकती है। इससे किडनी की ब्लड वेसल्स डैमेज हो सकते हैं। शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकलने का कार्य इन्हीं वेसल्स के द्वारा किया जाता है। शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने से किडनी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसके प्रभाव से किडनी के फिल्टर करने की क्षमता खराब हो जाती है। किडनी फेलियर के प्रमुख कारणों में से एक है किडनी।

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दिल: डायबिटीज के मरीजों को हृदय रोग का खतरा अधिक होता है। मधुमेह रोगियों का ब्लड वेसल डैमेज हो सकता है। इस स्थिति में लोगों के शरीर में ब्लड क्लॉट्स बनने लगते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है।

आंखें: अनियंत्रित डायबिटीज से आंखों की ब्लड वेसल्स डैमेज होने का खतरा भी रहता है। रेटिना में भी छोटी-छोटी वेसल्स होती हैं, जिसमें ब्लड शुगर बढ़ने पर स्वेलिंग आ जाती है। इसके कारण ये कमजोर हो जाते हैं और लोग डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा हो सकता है। इससे अंधेपन होने की भी संभावना रहती है। इतना ही नहीं, डायबिटीज के मरीजों में मोतियाबिंद की परेशानी भी देखी जा सकती है।

दिमाग: मधुमेह रोगियों में स्ट्रोक से पीड़ित होने का जोखिम रहता है। इस कारण शरीर को गंभीर नुकसान हो सकता है या फिर मरीज की जान भी जा सकती है। वहीं, डायबिटीज के कारण याद्दाश्त कमज़ोर होने की भी समस्या देखने को मिलती है।

 


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fitness trainer at Gold Gym | पोस्ट किया


डाइबिटीज़ अर्थात मधुमेह एक ऐसी बीमारी है,जिससे शरीर का दूसरा अंग प्रभवित होता ही है | वैसे इस बीमारी का असर दूसरे अंगो में कोई खास दिखता नहीं है,परन्तु अगर ब्लड में शुगर की मात्रा ज्यादा हो जाए तो इसके कारण 5-10 साल में दूसरे अंग भी प्रभावित हो ही जाते है |

 
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डाइबिटीज़ के कारन गुर्दे में,आंखों में,पैर की नसों में कुछ खराबी आ सकती है,और दिल की बीमारी के बढ़ने की संभावना सबसे अधिक रहती है। इसके कारण डाइबिटीज़ के मरीज को लकवा होने या पैर के रक्त संचार में अधिक परेशानी होती है |
ब्लड शुगर बढ़ने पर अगर कोई आर्टरी (धमनी ) ब्लॉक होती है तो डाइबिटीज़ के मरीज को हार्ट अटैक हो सकता है। इसके अलावा ब्रेन में भी रक्त का संचार बंद हो जाने से ब्रेन स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है।
 


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