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आज अपने सवाल किया है कि किस ग्रह को धूल भरा ग्रह कहा जाता है। तो चलिए हम आपके सवाल का जवाब देते हैं।
यहां पर मैं आपको बताने वाली हूं कि किस ग्रह को धूल भरा ग्रह कहा जाता है:-
दोस्तों मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं की मंगल ग्रह को धूल भरा ग्रह के नाम से जाना जाता है। और हाल ही में एरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए नए शोध से पता चला है की मंगल ग्रह की बर्फ धूल से भरी है। इतना ही नहीं शोधकर्ताओं के अनुसार वह पिघल सकती है इसके साथ ही एरीजोना स्टेट यूनिवर्सिटी से जुड़े वैज्ञानिक आदित्य खुल्लर और फिलिप क्रिस्टेंशन के साथ वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के बर्फ विशेषज्ञ स्टीफन वारेन ने मिलकर मंगल ग्रह की बर्फ वास्तव में कितनी धूल भरी है इस बात के निर्धारण के लिए एक नया दृष्टिकोण भी विकसित किया गया है।
बताया जाता है कि पिछले दो दशकों के दौरान वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह के कई स्थानों पर बर्फ की खोज की है। जिससे अधिकांश को नासा के मार्स रिकॉनिशेंश ऑर्बिटल जैसे कच्ची उपग्रह की मदद से देखा गया है।
जिस तरह से मंगल ग्रह में बर्फ जमी हुई है यह पृथ्वी की तुलना मैं कहीं गहरे रंग की बर्फ है गौरतलब है की बर्फ में धूल की मात्रा जितनी ज्यादा होती है उसका रंग उतना ही गहरा होता है। इसी की वजह से यह जल्द गर्म हो जाती है और फिर यह समय के साथ इसके विकास और स्थिरता दोनों को प्रभावित भी कर सकता है। इसका मतलब यह है कि कुछ परिस्थितियों में मंगल पर जमा बर्फ पिघल सकती है।
बताया जाता है कि यह धूल भरी गहरे रंग की बर्फ सात में कुछ सेंटीमीटर नीचे पिघली हुई हो इसके कारण जो पानी है वह ऊपर जमा बर्फ की परत के कारण मंगल के वातावरण में वाष्पित होने से बच गया है।
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चलिए दोस्तों आज हम आपको बताते हैं कि किस ग्रह को धूल भरा ग्रह कहते हैं। दोस्तों आप सभी जानते हैं कि हमारे सौरमंडल में कुल आठ ग्रह पाए जाते हैं। जो सूर्य की दूरी के अनुसार है -बुध, शुक्र, पृथ्वी,मंगल, बृहस्पति, शनि,यूरेनस तथा नेपच्यून।
इन सभी ग्रहों की अलग-अलग पहचान है पर क्या आप जानते हैं कि किस ग्रह को धूल भरा ग्रह कहा जाता है।चलिए हम आपको बताते हैं कि किस ग्रह को धूल भरा ग्रह कहा जाता है।
मंगल ग्रह को धूल भरा ग्रह कहा जाता है। मंगल सूर्य से दुरी के अनुसार चौथा ग्रह है। यह बहुत पतले वातावरण वाला धूल भरा ठंडा रेगिस्तान है। मंगल ग्रह सौरमंडल में खोजे गए पिंडों में से एक है और यह एक मात्र ऐसा ग्रह है जहां विदेशी परिदृश्य में घूमने के लिए रोवर्स भेजे हैं। मंगल ग्रह का नाम रोमनो ने अपने युद्ध के देवता के नाम पर रखा था, क्योंकि इसका लाल रंग खून की याद दिलाता था। इसी कारण मंगल ग्रह को लाल ग्रह कहा जाता है।
मंगल ग्रह के आकार और दूरी- मंगल ग्रह पृथ्वी के आकार का लगभग आधा है। मंगल ग्रह की दूरी 2,106 मील (लगभग 3,390 किलोमीटर) है।
142 मिलियन मील (228 मिलियन किलोमीटर )के अवसाद दूरी मे मंगल सूर्य से 1.5 खगोलीय इकाई दूर है। इस दूरी के अनुसार सूर्य के प्रकाश को सूर्य से मंगल तक की दूरी तय करने में 13 मिनट का समय लगता है।
मंगल गृह की कक्षा और घूर्णन-यह सूर्य के चारों ओर घूमते हुए हर 24.6 घंटे में एक चक्कर लगाता है, जो पृथ्वी के एक दिन के बराबर होता है।मंगल ग्रह पर 1 वर्ष 669.6 सोल तक चलता है जो पृथ्वी के 687 दिनों के बराबर है। मंगल ग्रह पर चलने वाले दिनों को सोल कहा जाता है।
मंगल ग्रह की घूर्णन दूरी सूर्य के चारों ओर उसकी कक्षा के तल से लगभग 25 डिग्री झुकी हुई है।यह पृथ्वी के साथ एक और समानता है जिसका अछीय झुकाव 23.4 डिग्री है। पृथ्वी गृह की तरह मंगल गृह पर भी अलग-अलग प्रकार ऋतुए होती हैं।लेकिन वह पृथ्वी की ऋतुओं की तुलना में अधिक समय तक चलती हैं, क्योंकि मंगल गृह को सूर्य की परिक्रमा करने में अधिक समय लगता है।
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