वो कौन सा हाथी था जो स्वामी भक्ति मे अपनी जान दे दी लेकिन अकबर के सामने नही झुका? - letsdiskuss
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वो कौन सा हाथी था जो स्वामी भक्ति मे अपनी जान दे दी लेकिन अकबर के सामने नही झुका?


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? हाथी के भव में समकित किसने प्राप्त की ?

1⛄ मेघकुमार



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मित्रो, आप सब ने महाराणा

प्रताप के घोड़े चेतक के बारे

में तो सुना ही होगा,

लेकिन उनका एक हाथी

भी था। जिसका नाम था रामप्रसाद। उसके बारे में आपको कुछ बाते बताता हुँ।


रामप्रसाद हाथी का उल्लेख

अल- बदायुनी, जो मुगलों

की ओर से हल्दीघाटी के

युद्ध में लड़ा था ने अपने एक ग्रन्थ में किया है।


वो लिखता है की- जब महाराणा प्रताप पर अकबर ने चढाई की थी, तब उसने दो चीजो को ही बंदी बनाने की मांग की थी ।

एक तो खुद महाराणा

और दूसरा उनका हाथी

रामप्रसाद।


आगे अल बदायुनी लिखता है

की- वो हाथी इतना समझदार व ताकतवर था की उसने हल्दीघाटी के युद्ध में अकेले ही अकबर के 13 हाथियों को मार गिराया था ।


वो आगे लिखता है कि-

उस हाथी को पकड़ने के लिए

हमने 7 बड़े हाथियों का एक

चक्रव्यूह बनाया और उन पर

14 महावतो को बिठाया, तब कहीं जाकर उसे बंदी बना पाये।


अब सुनिए एक भारतीय

जानवर की स्वामी भक्ति।


उस हाथी को अकबर के समक्ष पेश किया गया ।

जहा अकबर ने उसका नाम पीरप्रसाद रखा।


रामप्रसाद को मुगलों ने गन्ने

और पानी दिया।


पर उस स्वामिभक्त हाथी ने

18 दिन तक मुगलों का न

तो दाना खाया और न ही

पानी पिया और वो शहीद

हो गया।


तब अकबर ने कहा था कि-

जिसके हाथी को मैं अपने सामने नहीं झुका पाया,

उस महाराणा प्रताप को क्या झुका पाउँगा.?Letsdiskuss



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- आपने महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की कहानी तो बहुत सुनी होगी, लेकिन महाराणा प्रताप के पास एक हाथी भी था।

- जिसकी वीर गाधा भी चेतक से कम नहीं है। रामप्रसाद नाम का ये हाथी इतना ताकतवर था कि उसने अकबर के तीन हाथियों को मार गिराया था।

- कहा जाता है कि हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर ने महाराणा के साथ उनके हाथी रामप्रसाद को भी पकड़ने के आदेश दिए थे।

- रामप्रसाद को पकड़ने के लिए 7 हाथियों का चक्रव्यूह भी रचा गया। जिन पर 14 महावतों को बैठाया गया।

- जिसके बाद अकबर ने उसे बंदी बना लिया था।

अकबर ने बदला रामप्रसाद का नाम

- बताया जाता है कि अकबर ने इस हाथी का नाम पीर प्रसाद रखा था।

- अकबर ने रामप्रसाद के खाने के लिए सबसे बेहतरीन व्यवस्था कि लेकिन उसने 18 दिन तक खाना नहीं खाया।

- जिसके बाद रामप्रसाद की मौत हो गई। इसके बाद अकबर ने कहा था कि जिसमें हाथी को मैं मेरे सामने नहीं झुका पाया उस महाराणा प्रताप को कैसे झुकाउंगा।

आगे की स्लाइड्स में देखिए इस हाथी की याद में बनाई गई मूर्ती की फोटोज।




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