मेरी नजरों में जो भी इंसान चाहें वह महिला हो या पुरुष अगर हमारी गलतियों को सुधार रहा है, हमे शिक्षा देकर,मार्गदर्शन देकर हमें जीने के काबिल बना रहा है, तो वह ही बेहतर शिक्षक साबित होगा और वैसे भी शिक्षा पर सभी का अधिकार है और कहा भी गया है की ज्ञान बाटने से बढ़ता है और अगर हम ज्ञानी है,तो हमें चाहिए की हम ज्यादा से ज्यादा शिक्षक, लेखक बनकर समाज को मार्गदर्शन दे
:कुमार किशन कीर्ति,कथाकार
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इस लेख में पूछा गया है कि आपके नजर में बेहतर शिक्षक कौन है महिला या पुरुष? तो चलिए मैं अपना सुझाव देती हूं कि मेरी नजर में या मेरी सोच में ऐसा कुछ भी नहीं है कि एक अच्छा शिक्षक महिला या पुरुष ही हो सकता है एक अच्छा शिक्षक बनने के लिए शिक्षक के पास अच्छे गुण होने चाहिए, पढ़ाने की कला होनी चाहिए, और कहते हैं कि ज्ञान देने से ज्ञान बढ़ता है इसलिए मेरी राय है कि बेहतर शिक्षा के लिए पुरुष होना या स्त्री होना यह बात मायने नहीं होती है। और शिक्षक के अंदर ऐसे गुण होने चाहिए कि वह बच्चों को बिना किसी भेदभाव के शिक्षा प्रदान करें।
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इस पोस्ट के माध्यम से बताएंगे कि बेहतर शिक्षक पुरुष या महिला मे से कौन सबसे अच्छी शिक्षा बच्चो को दे सकता है, ये बात थोड़ी अजीब सी लगती है। लेकिन मै यहाँ पर बताना चाहती हूँ कि बेहतर शिक्षा बच्चो को पुरुष, महिला दोनों दे सकते है, सिर्फ शिक्षक के अंदर बच्चो को पढ़ाने का एक हुनर होना चाहिए वह किताबी शिक्षा के अलावा भी बच्चो को समाज से जुडी बातो का ज्ञान दे ताकि बच्चो को किताबों के अलावा बाहरी दुनिया का भी ज्ञान हो कि हमारे समाज मे कैसे -कैसे लोग है, इन सबकी पहचान बच्चो को अच्छे से हो ताकि बच्चे पढ़ लिखकर ज़ब बड़े हो तो वह समाज मे हो रहे अत्याचारो को कम करने के लिए आवाज़ उठा सके।
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बेहतर शिक्षक कौन होता है- स्त्री या पुरुष। अच्छा शिक्षक वही होता है जो छात्रों यानी बच्चों की मन की बात को समझ सके। मन का मतलब यहां उनके मनोविज्ञान को समझने से है। कोई भी इंसान चाहे वह स्त्री हो पुरुषों वह अच्छा शिक्षक बन सकता है। इसके साथ उसके पास उस विषय का पर्याप्त ज्ञान होना चाहिए जिस विषय को वह पढ़ाने जा रहा है। एक अच्छे शिक्षक का सबसे बड़ा गुण होता है कि वह बच्चों में अच्छी आदतों का विकास करता है। तो स्कूल का एक अच्छा शिक्षक बच्चों में अच्छी आदतों चरित्र का निर्माण करता और उन्हें ज्ञान भी देता है जबकि कोचिंग टीचर केवल किसी बच्चे को कुछ घंटे तक किसी विषय के बारे में पढ़ाता है और अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है। जबकि एक स्कूल का टीचर बच्चे में चरित्र का संस्कार और अच्छी आदतों का विकास करता है और उसे ज्ञान भी देता है। एक अच्छा टीचर ज्ञान के साथ ही बच्चों को शिक्षित भी करता है शिक्षा का अर्थ बहुत बड़ा होता है। लिखना पढ़ना सिखाना या मैथ का सवाल लगाना सिखाना यह शिक्षा नहीं होता बल्कि शिक्षा बालक के चरित्र को संस्कारित बनाना और उसमें अच्छे इंसान बनने के गुणों को रोपित करना होता है।
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आपका सवाल है कि बेहतर शिक्षक कौन है पुरुष या महिला तो मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि बेहतर शिक्षक के लिए महिला का होना या पुरुष का होना इस बात पर निर्भर नहीं करता है। निर्भर तो इस बात पर करता है कि जो बच्चों को अच्छी तरह से समझ सके, जिनकी बातें बच्चों को अच्छे से समझ में आ सकते हैं वही एक अच्छा और बेहतर शिक्षक कहलाता है। हम आपको बता दें कि एक अच्छा शिक्षक वही होता है जो बच्चों में बिना किसी भेदभाव के उसे ज्ञान दे, एक बेहतर शिक्षक वही हो सकता है जो बच्चों को केवल किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि दुनिया में हो रहे सभी चीजों के बारे में ज्ञान दे वही एक बेहतर शिक्षक कहलाता है। लेकिन फिर भी मैं आपसे यह कहना चाहूंगी कि शिक्षक स्त्री हो या पुरुष सभी को बच्चों को बिना किसी भेदभाव के पढ़ना चाहिए तभी आप एक बेहतर शिक्षक बन सकते हैं।
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