अब तक आपने केवल हॉलीवुड फिल्म के जेम्स बांड के बारें में सुना होगा लेकिन आपको यह नहीं मालूम होगा की भारत के पास असली जेम्स बांड है, जिसकी हर बात बेहद निराली और सटीक होती है | जी हाँ हम बात करने जा रहे है 20 जनवरी, 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे अजीत डोभाल की , अजीत डोभाल केवल एक नाम नहीं है बल्कि यह भारत का वह गौरव है जिसके सम्मान में जितने शब्द कहें जायें कम ही होंगे |
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अजीत डोभाल साल 1968 के केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं, साल 1972 में भारत की खुफिया एजेंसी आईबी से जुड़ने के बाद उन्होंने कई ऐसे खतरनाक कारनामों को अंजाम दिया है जिसके बारें में सोच कर ही रोंगटें खड़े हो जाते है। अजीत डोभाल भारत के एकमात्र ऐसे नागरिक हैं, जिनको सैन्य सम्मान कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया और सबसे ख़ास बात यह थी की यह सम्मान पाने वाले वह पहले भारतीय पुलिस अधिकारी हैं।
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अजीत डोभाल उन भारतीय जासूसों में से एक है, जिन्होनें अपनी ज़िंदगी में कई ऐसे बहादुर कारनामे किये जिससे भारत को खुफिया मदद मिल पायें उनकी पूरी ज़िंदगी जासूसियों की अलग - अलग कहानियों से भरी पड़ी है , ऐसा बताया जाता है वह करीब साथ साल तक पाकिस्तान में रहे और भारत के लिए जासूसी की |
अजीत डोभाल भारत के उन जासूसों में से एक थे जिसने ओप्रेशन ब्लू स्टार में भारत को जीत दिलवाई और कहा जाता है कि इस दौरान उनकी भूमिका एक ऐसे पाकिस्तानी जासूस की थी, जिसने खालिस्तानियों का विश्वास जीत लिया था और उनकी तैयारियों की जानकारी भारतीय सेना को भेजी।
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यही वजह है की उनकी उपलब्धियों के कारण उन्हें भारत में जेम्स बांड कहा जाता है | अजीत डोभाल कहने को फौज में थे पर उन्होनें 1989 में 'ऑपरेशन ब्लैक थंडर' का नेतृत्व किया और म्यांमार में हुए सर्जिकल स्ट्राइक में सहायक बनें । उसके बाद वह कश्मीर में उग्रवादी संगठन का भरोसा जीतकर उसमें शामिल हो गये थे।
अजीत डोभाल के जीवन से जुडी कई ऐसी घटनाएं है जो आश्चर्यजनक है जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता की किसी व्यक्ति का जीवन इतना साहस भरा भी हो सकता है, उन्हें साल 1999 में भारत की तरफ से वर्ताकार बना कर भेजा गया था जब आतंकवादियों ने काठमांडू से भारतीय विमान को हाईजैक कर लिया था |