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झूलन गोस्वामी एक ऑल-राउंड क्रिकेट स्टार हैं और भारत की पूर्व राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हैं। वह इस समय व्यापक रूप से सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज मानी जाती हैं। विश्व कप फाइनल में लड़कों के साथ खेलने से लेकर, चाकदाह एक्सप्रेस, जैसा कि वह लोकप्रिय है, ने एक लंबा सफर तय किया है। वह सभी युवा एथलीटों के लिए एक सच्ची प्रेरणा है जो सफल तेज गेंदबाज बनना चाहते हैं।
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चलिए आज हम आपको बताते हैं कि झूलन गोस्वामी कौन है और उनके बारे में। झूलन गोस्वामी भारत का एक चमकता सितारा है जिनके नाम की गूंज आज पूरे विश्व भर में गूंज रही है। झूलन गोस्वामी भारत माता की एक ऐसी बेटी है जिन्होंने आसमान के सितारों को भी अपने नाम किया। अर्थात उन्होंने अंतरराष्ट्रीय जाने-माने चेहरों में अपनी पहचान बनाई है। यह आज केदार की सबसे तेज महिला क्रिकेटर गेंदबाज के नाम से विश्व भर में विख्यात है। जिन्होंने न केवल देश का सिर ऊंचा बल्कि देश को गौरव प्राप्त कर कर यह भी दिखा दिया कि देश की बेटी किसी भी बेटों से कम नहीं है।
झूलन देवी का पूरा नाम झूलन निशित गोस्वामी है और उनका उपनाम बाबुल है।झूलन गोस्वामी जो आज भारतीय क्रिकेट टीम की सबसे तेज गेंदबाज जानी जाती हैं अर्थात आज इन्हें कौन नहीं जानता है। इनका जन्म 25 नवंबर 1983 में भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के नदिया जिले के चक्र नामक स्थान में हुआ था। इनके पिताजी का नाम निशित गोस्वामी है एवं उनकी माता का नाम झरना गोस्वामी है।
झूलन जी का पूरा नाम झूला निशित गोस्वामी है तथा परिवार वाले इन्हें प्रेम से उनको बाबुल कहकर पुकारते थे। इनका परिवार मुख्य रूप से सामान्य मध्यवर्गीय रहा है जिस कारण इन्हें शुरुआती दौर में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। उन्हें शुरू से ही खेलकूद के क्षेत्र में बड़ी रुचि रही है। शुरुआत में उन्हें फुटबॉल का खेल बहुत प्रिय था परंतु जब एक बार ईडन गार्डन में ब्लेंडर क्लर्क को उन्होंने क्रिकेट खेलते हुए देखा तभी से उन्होंने क्रिकेट खेलने को ही अपना लक्ष्य बना लिया एवं दृढ़ निश्चय कर लिया कि अब उन्हें क्षेत्र में ही आगे बढ़ाना है।
झूलन देवी को पुरस्कार एव सम्मान:-
वर्ष 2007 में इन्हें आईसीसी पुरस्कारों के किताब के साथ सम्मानित किया गया जिसमें इन्हें वर्ष की सबसे अच्छे महिला क्रिकेटर के रूप में नवाजा गया। वर्ष 2010 में इन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।इसके बाद वर्ष 2012 में इन्हें पदाश्री पुरस्कार से नवाजा गया।अंतर इन्हें एक बार एक चिदंबरम ट्रॉफी के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेट खिलाड़ी का भी किताब से पुरस्कृत किया गया। यह मिताली राज से भी पहले भारतीय महिला क्रिकेटर टीम में कप्तान भी रह चुकी है यह एक दिवसीय क्रिकेट मैच में सबसे अधिक क्रिकेट लेने वाली क्रिकेटर भी है इन्होंने वर्ष 2018 में अपने अपने 300 अंतरराष्ट्रीय विकेट पूरे किए।
वर्ष 2017 की हार के बाद झूलन जी अपने आंखों में एक नई जीत के सपने को लिए 2022 में भी खेलना चाह रही हैं। भारतीय क्रिकेट सचिन तेंदुलकर एवं ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेटर ब्लेंडर क्लर्क जिसे झूलन जी बहुत प्रेरित है एवं यह दोनों झूलन जी के बहुत प्रिय क्रिकेटर हैं।
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झूलन गोस्वामी भारतीय महिला क्रिकेट टीम की महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्हें तेज गेंदबाजी के लिए जाना जाता है। उनका जन्म 25 नवंबर 1982 को पश्चिम बंगाल के चकदाहा में हुआ था। अपने संघर्षपूर्ण जीवन और अद्वितीय प्रतिभा के कारण झूलन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने लिए एक खास पहचान बनाई है। वे भारतीय महिला क्रिकेट टीम की मुख्य गेंदबाज रही हैं और अपने करियर में कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड बनाए हैं। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें क्रिकेट जगत में एक आदर्श के रूप में स्थापित किया है।
प्रारंभिक जीवन और क्रिकेट से जुड़ाव
झूलन गोस्वामी का जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था, जहां क्रिकेट को खास महत्व नहीं दिया जाता था। फिर भी, उनके खेल के प्रति जुनून ने उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। झूलन ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत तब की जब वह मात्र 15 साल की थीं। उन्हें शुरू से ही तेज गेंदबाजी में रुचि थी और यही उनके करियर का प्रमुख आधार बना। उनके संघर्षपूर्ण जीवन की कहानी कई खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक है।
उन्होंने शुरुआती दिनों में कोलकाता में क्रिकेट की ट्रेनिंग ली और उनकी तेज गेंदबाजी की क्षमता ने उन्हें जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। उस समय भारत में महिला क्रिकेट का उतना महत्व नहीं था, लेकिन झूलन के प्रदर्शन ने देशभर में महिला क्रिकेट के प्रति जागरूकता बढ़ाई।
अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत
झूलन गोस्वामी ने अपना अंतरराष्ट्रीय करियर 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए किया था। तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए एक अद्वितीय गेंदबाज साबित हुईं। उनकी गति, सटीकता और स्विंग ने उन्हें क्रिकेट की दुनिया में एक महान गेंदबाज के रूप में स्थापित किया। झूलन ने टेस्ट, वनडे और टी20 में भारतीय महिला टीम का प्रतिनिधित्व किया है, और तीनों प्रारूपों में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है।
झूलन को उनके तेज गेंदबाजी के लिए जाना जाता है और उनकी यॉर्कर गेंदों का तोड़ निकालना किसी भी बल्लेबाज के लिए मुश्किल रहा है। उन्होंने अपने करियर में 200 से ज्यादा एकदिवसीय विकेट और कई टेस्ट विकेट हासिल किए हैं। 2007 में, झूलन को ‘आईसीसी महिला क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार भी मिला था, जो उनकी प्रतिभा और मेहनत का प्रतीक है।
महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ और रिकॉर्ड्स
झूलन गोस्वामी ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। 2018 में, उन्होंने महिला वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बनने का रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 2007 में आईसीसी महिला क्रिकेटर ऑफ द ईयर का पुरस्कार जीता, जो उन्हें उनकी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मिला था। इसके अलावा, वह 2010 में पद्म श्री से भी सम्मानित हो चुकी हैं।
2017 में, झूलन ने 200 विकेट लेने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनने का रिकॉर्ड बनाया। उनके इस उपलब्धि ने भारतीय महिला क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। इसके अलावा, 2022 में उन्होंने महिला क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली खिलाड़ी के रूप में अपना करियर समाप्त किया, जिसमें उन्होंने वनडे क्रिकेट में 250 से अधिक विकेट लिए।
कप्तानी और नेतृत्व
झूलन गोस्वामी ने न केवल एक बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में बल्कि एक नेतृत्वकर्ता के रूप में भी भारतीय टीम का मार्गदर्शन किया। उन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी भी की और उनके नेतृत्व में टीम ने कई महत्वपूर्ण मैच जीते। उनकी कप्तानी में टीम ने 2006 में इंग्लैंड में पहली बार टेस्ट सीरीज जीती थी।
उनका नेतृत्व शैली खिलाड़ियों के साथ उनके संबंधों और उनकी खेलने की मानसिकता में साफ झलकता है। झूलन ने हमेशा टीम के हित को सर्वोपरि रखा और अपने अनुभव से टीम के युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया।
रिटायरमेंट और वर्तमान जीवन
झूलन गोस्वामी ने 2022 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया। उन्होंने महिला क्रिकेट को नई दिशा दी और अपने करियर के दौरान महिला खिलाड़ियों के लिए एक आदर्श के रूप में स्थापित हो गईं। उनके संन्यास के बाद भी वे भारतीय क्रिकेट से जुड़ी हुई हैं और युवा खिलाड़ियों को मार्गदर्शन देती हैं। झूलन गोस्वामी का जीवन प्रेरणादायक है, खासकर उन लोगों के लिए जो संघर्ष और मेहनत से सफलता प्राप्त करना चाहते हैं।
झूलन का कहना है कि वह क्रिकेट से जुड़ी रहना चाहती हैं और भविष्य में कोचिंग या क्रिकेट के प्रशासनिक कामों में हिस्सा ले सकती हैं। उनका योगदान भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अमूल्य रहेगा, और उन्हें हमेशा एक महान गेंदबाज के रूप में याद किया जाएगा।
महिला क्रिकेट के प्रति योगदान
झूलन गोस्वामी ने न केवल अपने खेल से भारतीय महिला क्रिकेट को गौरवान्वित किया है, बल्कि उन्होंने महिला क्रिकेट के प्रति समाज की धारणा को भी बदला है। उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन और समर्पण ने लाखों लड़कियों को क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया है। झूलन का मानना है कि महिला क्रिकेट को वह सम्मान मिलना चाहिए जो पुरुष क्रिकेट को मिलता है और उन्होंने इसके लिए अपने स्तर पर प्रयास किए हैं।
झूलन गोस्वामी पर बनी बायोपिक
झूलन गोस्वामी की कहानी इतनी प्रेरणादायक है कि उन पर एक बायोपिक भी बनाई जा रही है। इस फिल्म में भारतीय अभिनेत्री अनुष्का शर्मा मुख्य भूमिका निभा रही हैं और फिल्म का शीर्षक "चकदा एक्सप्रेस" रखा गया है। यह फिल्म झूलन के संघर्ष, उनकी मेहनत और भारतीय क्रिकेट के प्रति उनके योगदान को दर्शाएगी।
इस बायोपिक का उद्देश्य झूलन के जीवन को व्यापक दर्शकों तक पहुँचाना और उन्हें प्रेरणा देना है। यह फिल्म भारतीय महिला क्रिकेट के विकास और झूलन के योगदान को पहचानने का एक प्रयास है।
निष्कर्ष
झूलन गोस्वामी ने भारतीय महिला क्रिकेट को एक नई दिशा दी है। उनकी मेहनत, समर्पण और प्रतिभा ने उन्हें क्रिकेट जगत में एक महान खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। वे लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं और उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि अगर आप किसी चीज को पाने का दृढ़ संकल्प रखते हैं, तो आप उसे हासिल कर सकते हैं। झूलन ने यह साबित किया है कि मेहनत और जुनून से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है, चाहे वह कितनी भी कठिनाई क्यों न हो।
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