“कादम्बिनी गांगुली” कौन है ? - letsdiskuss
Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language


English


Ram kumar

Technical executive - Intarvo technologies | पोस्ट किया | शिक्षा


“कादम्बिनी गांगुली” कौन है ?


8
0




Content Writer | पोस्ट किया


कादम्बनी गांगुली जिनका नाम शायद ही आज के समय में किसी को याद होगा | कादम्बनी गांगुली उस समय की महिला है जब महिलाओं का घर से बाहर निकलना तकगुन्हा से कम नहीं था | जब महिलाओं से घर से निकलने की अनुमति नहीं थी और महिलाओं का शिक्षा प्राप्त करना किसी सपने से कम नहीं था | उस वक़्त महिलाएं तो क्या पुरुष भी ग्रेजुएट कर लें तो बहुत बड़ी बात होती थी | कादम्बनी गांगुली ने उस वक़्त ग्रेजुएशन की जब की महिलाओं की पढ़ाई करना संभव नहीं था |

ऐसे समाज में कादम्बनी गांगुली नै दिशा की एक किरण थी | जिन्होंने महिलाओं को एक निश्चित लक्ष्य प्रदान किया | आइये कुछ बातें जानते हैं कादंबनी गांगुली के बारें में |

- कादम्बिनी गांगुली का जन्म 18 जुलाई 1861 को बिहार के भागलपुर में हुआ |

- उनके पिता का नाम बृजकिशोर बसु जो कि हेडमास्टर थे।

- कादंबनी गांगुली के पिता ने साल 1863 में, भागलपुर महिला समिति का निर्माण किया जो कि भारत का पहला महिला संगठन था |

- कादंबनी के पिता महिलाओं को शिक्षित करने में यकीन रखते थे और यही वजह है कि उन्होंने अपनी बेटी को शिक्षित होने के लिए प्रेरित किया |

- पूरा समाज उनके खिलाफ था परन्तु उन्होंने समाज की परवाह नहीं की और कादम्बनी को शिक्षा प्रदान करवाई |

- कादम्बनी बचपन से पढ़ने में अच्छी थी और अपने पिता के सहयोग ने उन्हें कामयाब बनाया |

- कादम्बनी गांगुली ने साल 1882 में कलकत्ता यूनिवर्सिटी से BA की परीक्षा उत्तीर्ण पास की |

- उसके बाद उन्होंने कोलकाता मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया और साल 1886 में कादम्बनी गांगुली पहली महिली डॉक्टर बनने में कामयाब हुई और इसी वर्ष आनंदी बाई जोशी भी पहली महिला डॉक्टर बनी |

- कादम्बनी ने अपने काम की शुरुआत लेडी डफरिन हॉस्पिटल से की परन्तु कुछ समय बाद वो प्राइवेट प्रैक्टिस करने लगी |

- कादंबनी गांगुली की शादी 21 वर्ष की उम्र में द्वारकानाथ गांगुली के साथ हो गया जो की 39 वर्ष के थे और वो पहले से ही शादी शुदा थे | द्वारकानाथ गांगुली के 5 बच्चे थे और कादंबनी से शादी के बाद दोनों के 3 बच्चे और हुए |

- कादम्बनी गांगुली ने हमेशा से खुद को 8 बच्चों की माँ माना और अपनी मेडिकल प्रैक्टिस के साथ-साथ उन्होंने अपने बच्चों की भी देख भाल की | इसके लिए उन्हें भारत की पहली "वर्किंग मॉम" होने का खिताब भी दिया गया |

- देश की पहली पढ़ी लिखी और बहादुर महिला का 7 अक्टूबर 1923 देहांत हो गया |

Letsdiskuss (Courtesy : Wikipedia


4
0

');