| पोस्ट किया
आज हम आपको कवि जयशंकर प्रसाद के बारे में परिचय देंगे तथा बताएंगे कि उनके रचनाएं कौन-कौन सी हैं।कवि जयशंकर प्रसाद जी का जन्म सन 1889 में हुआ था तथा वे वाराणसी के निवासी थे।
कवि जयशंकर प्रसाद जी की प्रमुख रचनाएं कुछ इस प्रकार की है।
झरना, आंसू, लहर, कामायनी, प्रेम पथिक (काव्य )
स्कंद गुप्त, चंद्रगुप्त,।
उपन्यास:-
द कंकाल
तितली
इरावती
कहानी संग्रह:-
आंधी और चारा
प्रतिध्वनी
इंद्रजाल
शायरी :-
कानन कुसुम
महाराणा का महावत
इस प्रकार उन्होंने कई सारे उपन्यास, कहानियां, शायरियां, महाकाव्य, आदि चीजों की रचनाएं की जिन्हें आज भी स्कूल से लेकर महाविद्यालयों में इसका उल्लेख किया जाता है।
0 टिप्पणी
जयशंकर प्रसाद (30 जनवरी 1889 - 15 नवंबर 1937) आधुनिक हिंदी साहित्य के साथ-साथ हिंदी रंगमंच में एक प्रसिद्ध व्यक्ति थे। प्रसाद उनका कलम नाम था
प्रसाद ने कालाधर ’के कलम नाम से कविता लिखना शुरू किया। जय शंकर प्रसाद का पहला कविता संग्रह, जिसका नाम चित्रधर है, हिंदी की ब्रज बोली में लिखा गया था, लेकिन उनकी बाद की रचनाएँ खड़ी बोली या संस्कृतनिष्ठ हिंदी में हैं।
बाद में प्रसाद ने हिंदी साहित्य में रूढ़िवाद से रूबरू होने वाले साहित्य को 'छाववाद' घोषित किया।
उन्हें सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा, और सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' के साथ हिंदी साहित्य (छायावाद) में रोमांटिकता के चार स्तंभों में से एक माना जाता है।
उनकी शब्दावली हिंदी के फ़ारसी तत्व से बचती है और इसमें मुख्य रूप से संस्कृत (ततस्मा) शब्द और संस्कृत से प्राप्त शब्द (तद्भव शब्द) होते हैं। उनकी कविता का विषय रोमांटिक से लेकर राष्ट्रवादी तक उनके युग के विषयों के पूरे क्षितिज पर फैला है।
शायरी
आत्मकथ्या (आत्मकथा)
कहानी संग्रह
उपन्यास
0 टिप्पणी