चाहे इंसान भाग्यशाली हो या दुर्भाग्यशाली! इसमें उस इंसान का कोई कसूर नहीं होता| कसूर होता है तो उसकी किस्मत का| ऐसी किस्मत ही कुछ थॉमस मिगेली जूनियर(1889 – 1944) की थी.थॉमस ने अपने अध्ययन और खोजों के दौरान बहुत सी बड़ी लापरवाहीया की. जिस वजह से उन्हें इतिहास का दुर्भाग्यशाली वैज्ञानिक अभी भी कहा जाता है.थॉमस ने अपने खोजों के दौरान ऐसी बड़ी गलतियां कीं जिनका दुष्परिणाम हम उसकी मृत्यु के अनेक दशक बाद भी उठा रहे हैं. थॉमस की मृत्यु के पीछे भी उनके एक अविष्कार का होना ही माना जाता है|
आज थॉमस के किस्से विज्ञान के विद्यार्थियों को यह बताने के लिए सुनाए जाते हैं कि अपनी किसी भी नई खोज से उत्साहित होकर उसे बाजार में नहीं उतार देना चाहिए. हर प्रोडक्ट को भली भांति जांच-परख कर ही व्यवहार में लाना चाहिए. यही कारण है कि बहुत सी नई खोजों, विशेषकर चिकित्सा और जीवन-विज्ञान के क्षेत्र में नई दवाओं और उपायों को कई वर्षों की टेस्टिंग और रिसर्च के बाद ही लोगो के लिए उपलब्ध करवाना चाहिए|
वह पोलियो के शिकार थे. खुद को सुबह पलंग से उठाने के लिए उन्होंने एक चेन-पुली सिस्टम बनाया था. एक दिन सुबह उठते वक्त उनकी गर्दन में चैन फंस गई. जिस वजह से दम घुटने के कारण उनकी मृत्यु हो गई|