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यमराज कौन है, ये सभी जानते हैं। इंसान के मरने के बाद यमराज के दूत उन्हें यमलोक ले जाते हैं, जहाँ पर मरने वाले का सारा लेखा जोखा होता है। मानव जीवन की ज़िंदगी का आखरी पड़ाव यमलोक होता है। गरुड़ पुराड़ में इंसान के मरने के बाद उसकी सभी यात्राओं का विवरण होता है। गरुड़ पुराण के अनुसार यमराज के महल को कालित्री महल कहा जाता है, जहाँ सिर्फ अँधेरा होता है।
- पुराणों के अनुसार यमलोक पृथ्वी से लगभग 12 लाख किलोमीटर दूर है।
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अक्सर लोगों को इस बात की जानकारी लेने में काफी दिलचस्प होती है कि यमराज कौन है और उनका साम्राज्य कैसे चलता है चलिए आज हम आपको यमलोक से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि यमराज के महल को कालित्री महल के नाम से जाना जाता है। पुराणों में बताया गया है कि यमलोक पृथ्वी से 1200000 किलोमीटर दूरी पर है कहते हैं कि यमलोक बहुत ही डरावना होता है यहां लोगों के साथ जीवो की तरह बर्ताव किया जाता है यमलोक में 4 दरवाजे पाए जाते हैं। जहां लोगों के कर्मों पर आधारित किया जाता है कि किसी पुण्य के दरवाजे पर भेजा जाए और किसे पाप के दरवाजे पर भेजा जाए।
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