बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय कौन थे ?

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| Updated on April 17, 2023 | Education

बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय कौन थे ?

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@poojamishra3572 | Posted on November 22, 2019

भारत का राष्ट्रगीत लिखने वाले प्रसिद्ध लेखक बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय का जन्म बंगाल के 24 परगना ज़िले के कांठल पाड़ा नामक गाँव में एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। वह भारत के महान लेखकों में से एक थे | उनकी पहचान बांग्ला कवि, उपन्यासकार, लेखक और पत्रकार के रूप में है। तो चलिए आपको उनके जीवन से जुडी रोचक बातों के बारें में बतातें है |
- बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय को ऋषि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय भी कहा जाता था।
- उनका जन्म 27 जून 1838 में बंगाल में हुआ था।
- बंकिम चट्टोपाध्याय एक बंगाली ब्राह्मण परिवार से थे। उनके पिता जदबचंद्र चट्टोपाध्याय और माँ दुर्गादेवी थीं। बंकिम चट्टोपाध्याय के पिता उप कलेक्टर थे।
- बंकिम चट्टोपाध्याय का जन्म उस दौर में हुआ था जब बंगाल साहित्य का कोई नाम नहीं था।
बंकिम चट्टोपाध्याय राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् के रचयिता थे ।
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- रबीन्द्रनाथ टैगोर के बाद बंगाल के महान लेखकों में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का नाम शामिल है।
- बंकिम चट्टोपाध्याय ने मोहसिन कॉलेज से पढ़ाई की और कलकत्ता के प्रेसीड़ेंसी कॉलेज में एडिमशन लिया। बंकिम चट्टोपाध्याय ने लॉ की भी पढ़ाई की और मात्र 27 साल की उम्र में पहला उपन्यास दुर्गेशनंदिनी लिखा था।
- उप कलेक्टर से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद वह डिप्टी मजिस्ट्रेट बने।
- अपने जीवन में लगभग लगभग 30 साल तक उन्होनें सरकारी नौकरी की।
बंकिम चट्टोपाध्याय के सबसे फेमस लेख दुर्गेशनंदिनी, कपालकुण्डला, मृणालिनी, विषवृक्ष, चंद्रशेखर, रजनी, आनंद मठ, देवी चौधुरानी, आदि थे | उनकी सबसे मशहूर किताब है आनंद मठ और इस किताब में ही वन्दे मातरम् गाना लिखा हुआ है। जो भारत कला राष्ट्रगान है |
यह किताब फ्रीडम फाइटर्स को अपने देश को अज़ाद कराने के लिए लड़ने को प्रेरित करती है।
बंकिम चट्टोपाध्याय ने अप्रैल 1892 में बंगादर्शन नाम की बंगाली भाषा में मैगज़ीन निकाली थी।

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@sadafsarwar2441 | Posted on January 8, 2020

भारत के राष्ट्रीय गीत बंदे मातरम् के रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की आज 125वीं पु्ण्यतिथि है. उनका निधन 8 अप्रैल, 1894 को हुआ था. बंकिमचंद्र ने अपने उपन्यासों के माध्यम से देशवासियों में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह की चेतना का निर्माण करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. जानें उनके बारे में कुछ खास बातें..

- बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का जन्‍म 27 जून 1838 को बंगाल के उत्‍तरी चौबीस परगना के कंथलपाड़ा में एक बंगाली परिवार में हुआ था. वह बंगला के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार और पत्रकार थे. जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रान्तिकारियों का प्रेरणास्रोत बन गया था. रवीन्द्रनाथ ठाकुर के पूर्ववर्ती बांग्ला साहित्यकारों में उनका अन्यतम स्थान है.


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@sreemoyeegupta1026 | Posted on January 14, 2020

बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय (बंगाली: বঙ্কিমচন্দ্র চট্টোপাধ্যায়) (२७ जून १८३८ - ८ अप्रैल १८९४) बंगाली के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार और पत्रकार थे। भारत के राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' उनकी ही रचना है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रान्तिकारियों का प्रेरणास्रोत बन गया था।
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@shankarjangale1343 | Posted on January 22, 2020

बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय (अंग्रेज़ी: Bankim Chandra Chattopadhyay, जन्म: 26 जून, 1838; मृत्यु: 8 अप्रैल, 1894) 19वीं शताब्दी के बंगाल के प्रकाण्ड विद्वान् तथा महान् कवि और उपन्यासकार थे। 1874 में प्रसिद्ध देश भक्ति गीत वन्देमातरम् की रचना की जिसे बाद में आनन्द मठ नामक उपन्यास में शामिल किया गया। प्रसंगतः ध्यातव्य है कि वन्देमातरम् गीत को सबसे पहले 1896 में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था।



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@krishnapatel8792 | Posted on April 17, 2023

बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय कौन थे चलिए हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं। भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी है। इनका जन्म 27 जून सन 1838 को बंगाल में हुआ था। इसके अलावा बंगाल के महान लेखकों में बंकिम चंद्र जी का नाम आता है इन्होंने मात्र 27 साल की उम्र में अपना पहला उपन्यास दुर्गेश नंदिनी लिखा था। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी को ऋषि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के नाम से भी जाना जाता है। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय यह की पहचान उपन्यासकार, कवि, लेखक और पत्रकार के रूप में भी है।

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