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एराटोस्थनीज और अरस्तू वह लोग थे जिन्होंने खोज की और कहा कि प्रथ्वि गोल है। प्रथ्वि गोल है का विचार ग्रिक दार्शनिक एराटोस्थनीज द्वारा व्यक्त किया गया था जिसने चौथी शताब्दी ईसा पूर्व मे ग्रह की त्रिज्या को नापा था।
हमारी प्रथवि सूर्य क्रम मे तीसरे नम्बर पर आती हैं पहले आता है बुध फिर दूसरे नम्बर पर शुक्र फिर कही जा कर तीसरे नम्बर पर प्रथ्वि आती है एक ठोस गोले की तरह हम उसे देख कर यह कह सकते है ही प्रथ्वि गोल है। आज के समय में यह कहना बहोत आसान और सरल है परंतु कई वर्षो पूर्व यह आसान नही था।
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