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Brij Gupta

Optician | पोस्ट किया |


कौन था जो गौतम बुद्ध का अनुयायी बना, और इसके पीछे क्या कहानी है?


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Content Writer | पोस्ट किया


गौतम बुद्ध जिनको सिद्धर्थ नाम से भी जाना जाता है | सिद्धर्थ के जन्म के 7 दिन बाद उनकी माँ का देहांत हो गया और उसके बाद उन्हें उनकी मौसी ने पाला | गौतम बुद्ध जो हर विद्या में पूर्णतः दक्ष थे परन्तु इसके बाद भी उनके अंदर एक ऐसा ह्रदय था जो किसी भी दुखी इंसान को देख नहीं पाता था | उनके पिता द्वारा उनके लिए महलों में किये गए कई प्रबंध उन्हें उस महल में रोक नहीं पाए और सिद्धार्थ इस दुनिया के दुखों को दूर करने के लिए गौतम बुद्ध बन गए |

अब बात करते हैं उस इंसान की जो गौतम बुद्ध का अनुयाई बना, और वो एक वैश्या थी | आइये आपको इसके पीछे छुपी कहानी बताते हैं |

Letsdiskuss (Courtesy : Aaj Tak )

जो वैश्या गौतम बुद्ध की अनुयायी बनी उसका नाम आम्रपाली था | वो धरती की अप्सरा मानी जाती थी | वो इतनी खूबसूरत थी उसको पाने के लिए कोई कुछ भी करने को तैयार हो जाता | आम्रपाली का जन्म कब हुआ और वह किसी पुत्री थी इस बात का जवाब किसी के पास नहीं | वह शिशु के रूप में एक आम के वृक्ष के नीचे मिली इसलिए उनका नाम आम्रपाली रखा गया | उन्हें वैशाली नमक गांव के एक परिवार ने पाल पोस कर बड़ा किया | जैसे-जैसे आम्रपाली बड़ी होती गई उसकी खूबसूरती मानो आसमान छूती रही | अब उसके विवाह की बात को लेकर उसके धर्म माता-पिता परेशान हुए क्योंकि वैशाली के सभी युवा उससे विवाह करना चाहते थे और अगर किसी एक से इसका विवाह कराना मतलब की वैशाली की शांति भंग करने जैसा था | इसलिए आम्रपाली से किसी का विवाह न कराते हुए उसको वैश्या घोषित किया गया |

अब आम्रपाली पूरे वैशाली के लिए केवल एक मनोरंजन का साधन बन कर रह गई थी | आम्रपाली इतनी धनवान थी कि उसके पास अपना एक सर्वगुण संपन्न महल था सभी प्रकार की सुख सुविधा थी बस अगर कुछ कमी थी तो वो आम्रपाली को सुकून की | एक समय गौतम बुद्ध के शिष्य वैशाली आये और सभी जगह भिक्षा मांगने लगे | वो आम्रपाली के महल भी गए और वहाँ आम्रपाली गौतम बुद्ध के एक शिष्य पर मोहित हो गई | इस बात से और सभी शिष्यों को बहुत गुस्सा आया |

(Courtesy : magadhtours )

आम्रपाली ने गौतम बुद्ध के शिष्य से बारिश के 4 महीने अपने महल में रहने को को कहा और उस बात पर उस शिष्य ने कहा वो अपने गुरु गौतम बुद्ध से पहले अनुमति लेगा उसके बाद वो आएगा | इस बात पर गौतम बुद्ध के और शिष्यों ने बुद्ध को भड़काने की कोशिश की और दोनों के बारें में बहुत कुछ कहा | इस बीच बुद्ध का वह शिष्य उनके पास आया और उसने बड़े ही साधारण तरीके से गौतम बुद्ध से आम्रपाली के महल जाने वाली बात कही तो बुद्ध ने उसकी आँखों में देख कर उसको जाने की अनुमति दे दी |

सभी शिष्यों ने बुद्ध को कई तरह से भड़काने की कोशिश की पर बुद्ध को अपने शिष्य पर पूरा भरोसा था | बरसात के 4 महीने बीत गए और वो शिष्य बुद्ध के वापस आया और क्या देखता है कि आम्रपाली भी उसके साथ थी और उस शिष्य ने आम्रपाली के लिए भिक्षुणी संघ में प्रवेश की अनुमति मांगी | गौतम बुद्ध ने आम्रपाली को भिक्षुणी संघ में आने की अनुमति दे दी | आम्रपाली ने गौतम बुद्ध से कहा कि " मैंने आपके भिक्षु को पाने के लिए हर संभव कोशिश की, परन्तु मैं मैं हार गयी "

उसके बाद मैंने अगले ही चरण इस बात पर विचार किया कि आपके साथ रहने वाले आम शिष्य का संयम इतना मजबूत है तो आपका कितना होगा | इसलिए मैं आपकी अनुयायी बनना चाहती हूँ , और साथ ही वह अपना महल और सारी संपत्ति दुःखी लोगों के लिए समर्पित करती हूँ |

आज भी बारिश के 4 महीने गौतम बुद्ध के सभी अनुयायी आम्रपाली के महल में रहते हैं |

(Courtesy : gajabkhabar )


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