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हिंदू धर्म में पूजा-पाठ , वेद मंत्रो आदि का बहुत महत्व है।
हर पूजा, हर संस्कार के लिए मंत्र का उच्चारण किया जाता है।
देवी देवताओ की पूजा के लिए भी अलग अलग मंत्र है जिसके जरिये हम उनकी आराधना करते है।
भगवान को स्नान कराने के मंत्र से लेकर उनकी भक्ति के हर मार्ग का मंत्र होता है।
उसी प्रकार मनुष्य स्नान के बाद सूर्य देवता की उपासना करता है। सूर्य देवता को जल अर्पण करता है।
हम सूर्य देवता की पूजा हर रोज करते है, लेकिन रविवार का दिन सूर्य देवता की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। रविवार के दिन सूर्य पूजन करके हम भगवान सूर्य से बुद्धि और वैभव का आशीर्वाद ग्रहण कर सकते है।
सूर्य देवता की पूजा में अनेको मंत्रो का उच्चारण किया जाता हैं।
ओम् आदित्याय नमः! भगवान सूर्य देवता का मंत्र है।
यह सूर्य नमस्कार का 9 वां मंत्र है। सूर्य को जल अर्पण करते समय 13 बार मंत्रो का जाप किया है जिसमे प्रथम मे
ओम् मित्राय नमः!
ओम् रवये नमः!
ओम् सूर्याय नमः!
ओम् भानवे नमः!
ओम् खगाय नमः !
ओम् पुष्णे नमः !
ओम् हिरण्यगर्भाय नमः!
ओम् मरीचये नमः!
ओम् आदित्याय नमः!
ओम् सवित्रे नमः!
ओम् अर्काय नमः!
ओम् भास्कराय नमः!
ओम् सवितृ सूर्यनारायणाय नमः!
इन सभी मंत्रो के द्वारा हम भगवान सूर्य की उपासना करते है।
ओम् आदित्याय नमः का अर्थ है - इस जगत मे सभी जीवो, प्राणियों और इस प्रकृति की उत्पत्ति करने वाले को नमस्कार।
इसी प्रकार सभी मंत्रो का अलग अलग अर्थ है जो की सूर्य देवता की उपासना करते समय उनसे विनती के रूप मे किये जाते है।
रविवार के दिन सूर्य देवता को जल अर्पण करते समय हम जल मे पुष्प , हल्दी डाल कर निम्न सूर्य मंत्रो का उच्चारण करते हुए सूर्य देवता से आशीर्वाद ग्रहण करना चाहिए।
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