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कीड़े-मकोड़ों का प्रकाश की ओर आकर्षित होना एक रोचक और जटिल घटना है। यह व्यवहार न केवल मनुष्यों के लिए दिलचस्प है, बल्कि वैज्ञानिकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अध्ययन का विषय रहा है। आइए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें और समझें कि कीड़े प्रकाश की ओर क्यों खिंचे चले आते हैं।
प्राकृतिक आकर्षण:
कीड़ों का प्रकाश की ओर आकर्षित होना एक प्राकृतिक प्रवृत्ति है। यह व्यवहार उनके जीवन और अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। प्रकृति ने उन्हें इस तरह से विकसित किया है कि वे प्रकाश के स्रोतों की ओर आकर्षित होते हैं। यह आकर्षण कई कारणों से होता है:
वैज्ञानिक दृष्टिकोण:
वैज्ञानिकों ने कीड़ों के प्रकाश की ओर आकर्षण के कई सिद्धांत प्रस्तुत किए हैं:
प्रभाव और परिणाम:
कीड़ों का प्रकाश की ओर आकर्षण कई प्रभाव और परिणाम पैदा करता है:
समाधान और उपाय:
कीड़ों के प्रकाश आकर्षण के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं:
निष्कर्ष:
कीड़ों का प्रकाश की ओर आकर्षण एक जटिल और बहुआयामी घटना है। यह उनके जीवन और अस्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन मानव निर्मित प्रकाश स्रोतों के कारण यह एक समस्या भी बन गया है। हमें इस घटना को समझने और इसके प्रभावों को कम करने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है। केवल तभी हम प्रकृति के इस रोचक पहलू को संरक्षित कर पाएंगे और कीड़ों के साथ-साथ हमारे पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा कर पाएंगे।
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दोस्तों गर्मियों या फिर सर्दियों की शाम में अगर आप स्ट्रीट लाइट, अपने टॉर्च की लाइट, या कैंप फायर की लौ, या फिर अपने घर की लाइट पर गौर करें तो आप देखेंगे कि उनके आसपास कुछ छोटे-मोटे कीड़े मकोड़े उड़ते हुए नजर आएंगे। यह कीड़े विशेष रूप से छोटे एवं उड़ने वाले कीड़े होते हैं जो शाम के वक्त या रात में प्रकाश की ओर आकर्षित होते हैं। कीड़ों के इन व्यवहार को फोटोटैक्सिस के नाम से भी जाना जाता है। इस बारे में वैज्ञानिकों ने भी अपनी कई राय रखी है तो आइये जानते हैं कि आखिर लाइट की तरफ क्यों आकर्षित होते हैं कीड़े?
कीड़े विशेष रूप से छोटे पतंगे प्रकाश को अपने दिशा सूचक के रूप में मानते हैं। वह अपने नेविगेशन के लिए चंद्रमा और सितारों जैसी प्राकृतिक प्रकाश स्रोतों का उपयोग करते हैं लेकिन बल्ब या ट्यूबलाइट के प्रकाश स्रोत इनको भ्रमित कर देते हैं क्योंकि यह प्रकाश स्रोत काफी नजदीक होते हैं इसी कारण से वह लगातार एक स्थिर कोण बनाकर सीधी रेखा में गमन नहीं कर पाते हैं
तथा लाइट के प्रकाश के चारों ओर गोल-गोल घूमते रहते हैं। इसके अलावा अंधेरे में इन कीड़ों को शिकार होने का डर लगा रहता है इसलिए प्रकाश की उपस्थिति में सुरक्षा महसूस करते हैं एवं वैज्ञानिक जानकारी के अनुसार यह भी बताया गया है कि टंगस्टन बल्ब इन सभी कीड़ों के लिए प्रकाश का स्रोत होता है इसीलिए यह प्रकाश के चारों ओर घूम कर तापीय ऊर्जा महसूस करते हैं। इसके अलावा कुछ कीड़ों का नर्वस सिस्टम इस तरीके से विकसित हुआ है कि वह प्रकाश की ओर प्रतिक्रिया करते हैं लेकिन कृत्रिम प्रकाश जैसे लाइट और ट्यूबलाइट के प्रकाश के साथ वह अपना तालमेल नहीं बिठा पाते हैं जिसके कारण से वह इन प्रकाश के आसपास घूमते रहते हैं और हमें ऐसा लगता है की एक कीड़े लाइट की तरफ आकर्षित होते हैं। भोजन की तलाश में भी यह पतंगे प्रकाश की ओर परावर्तित होते हैं क्योंकि कुछ प्रकाश बल्ब पराबैंगनी प्रकाश छोड़ते हैं एवं यह कीड़े इस बल्ब को फूल समझने की गलती कर लेते हैं तथा आकर्षित हो जाते हैं एवं कुछ कीड़े तो प्रकाश का उपयोग अपनी प्रजनन के लिए संगत के रूप में करते हैं। विशेषकर जुगनू अपने साथी को आकर्षित करने के लिए ही रोशनी का प्रयोग करते हैं। इसलिए यह कीड़े प्रकाश की ओर आकर्षित होते हैं।
निष्कर्ष:-
निष्कर्ष के तौर पर कहे तो लाइट की तरफ क्यों आकर्षित होते हैं कीड़े इस बात का जवाब पाना बेहद ही जटिल है क्योंकि विविध कारणों के वजह से जैसे कि नेविगेशन, प्रजनन, भोजन की तलाश, जैविक प्रतिक्रिया, संरक्षण के कारण ही यह कीड़े लाइट की तरफ आकर्षित होते हैं। लाइट की तरफ कीड़ों का आकर्षित होने का व्यवहार उनके जीवन शैली और अस्तित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। किंतु कभी-कभी यह उनके लिए बेहद खतरनाक साबित होता है क्योंकि कृत्रिम प्रकाश स्रोत के वजह से वह शिकारी का शिकार बन जाते हैं। अतः सरल शब्दों में कहे तो कीड़ों का प्रकाश की और आकर्षित होना एक पर्यावरण और विकासवादी इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो उन कीड़ों को जीवित रहने में और उनके प्रजनन करने में मदद करता है।
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