रिजर्वेशन काउंटर पर से आरक्षण टिकट फ़ौरन मिल जाते है और यह टिकट लेकर कोई भी यात्री मौजूदा ट्रैन में यात्रा कर सकता है। यह नॉन ट्रांसफरेबल होते है और इनका उपयोग सिर्फ उसी यात्री के लिए होता है जिसे यह टिकट इश्यू किया गया हो। यहां पर यह जानना भी जरूरी है की अगर मुसाफिर टिकट कैंसिल करवाता है तो उसे रिफंड भी किया जाता है।
सौजन्य: डेक्कन क्रॉनिकल
जो टिकट रिज़र्वेशन काउंटर से प्राप्त होते है वो अगर किसी और के हाथ में आ जाता है तो वो कैंसिल कर रिफंड पा सकता है।ऐसा न हो इसीलिए इन टिकटों पर कोई नाम नहीं छपता ताकि उसे रिफंड न किया जा सके और ना ही कोई ऐसी अवैध टिकट का गलत इस्तेमाल कर सके। टिकट लेते वक्त यात्री को अपनी सारी जानकारी फॉर्म पर देनी होती है और नाम बिना के टिकट का इस तरह से कोई गलत इस्तेमाल नहीं कर सकता क्यूंकि किस नाम से टिकट इश्यू हुआ है वो किसी और को पता ही नहीं चलेगा। इस तरह से जिस ने टिकट लिया हो उसके पैसे की सुरक्षा हेतु इन टिकटों पर नाम प्रिंट ना करने का प्रावधान है। यह ना सिर्फ यात्री सुरक्षा हेतु जरूरी है पर रेलवे को भी इससे गलत रिफंड ना जाने देने का फायदा होता है।