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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | पोस्ट किया
* हवा हमे नहीं दिखाई देती है। लोग light को तो देख पाते है लेकिन किसी वस्तु को नही किसी भी चीज से टकराकर जब सूरज की रोशनी हमारी आंखों में पड़ती है तब उस changes के कारण हमे उसका कलर और आकार समझ मे आने लगता है।
* लेकिन सफेद रोशनी की किरण के सात अनुभाग कलर होते है जैसे: बैंगनी, इंडिगो, ब्लू green yellow नारंगी और लाल। रोशनी कि किरण जब हवा के साथ अणुओं से टकराती है तो सबसे जादा नीले रंग की किरणें परावर्तित होती है। इसलिये सभी को आसमान नीला दिखाई देता है।or कह सकते है की हवा का रंग नीला हो सकता है।
* Normaly हवा विरल होती है or सूर्य की किरणें जब सीधे पृथ्वी पर पड़ती है, तो हवा दिखाई नही देती है यह पारदर्शी होती है।
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हवा हमें इसलिए नहीं दिखाई देती है क्योंकि हवा के अणुओ के मध्य जगह रिक्त होती है और उसे टकराकर प्रकाश हमारी आँखो तक नहीं पहुंच पता है। और हवा पारदर्शी है इतना तो हम सब को पता है कि हवा मे कोई गैस का मिश्रण होती है जैसे नाइट्रोजन आक्सीजन अार्गन और कार्बन -डाइऑक्साइड ये सब मिलकर हवा बनाती है। इन और गैसो के अणु इतने अलग अलग और छोटे होते है कि वे अपने मे से ही प्रकाश को गुजरने देते है और इसी कारण हम हवा को नहीं देख पाते है.।
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