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एक अप्रैल को हर कोई अपने दोस्तों , रिश्तेदारों और जानने वालों के साथ मज़ाक करताऔर उन्हें उल्लू बनाने की कोशिश करता है है सतह ही वह खुद मूर्ख बनने से भी बचता है, और पूरी दुनिया में एक अप्रैल की तारीख को April fool 's Day के रूप में मनाया जाता है | लेकिन हम में से ज्यादातर लोग इस बात को नहीं जानते होंगे की हम ये दिन क्यों मनाते है |
(courtesy-eastidahonews)
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Occupation | पोस्ट किया
अप्रैल फूल डे यानि मूर्खता दिवस मनाने के पीछे जुडी कहानी यह है कि इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय का एक मजेदार किस्सा प्रचलित हुआ था,बताया गया है कि रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी ने ऐलान किया है कि वह 32 मार्च 1381 के दिन सगाई करने वाले है, लेकिन यह खबर सुनकर लोग बहुत खुश हुये और जश्न मनाने के लिए इस दिन से तमाम तैयारियां करना शुरू कर दिये,लेकिन जब 31 मार्च आया तो उन्हें अहसास हुआ कि उन्हें मूर्ख बनाया जा रहा है,क्योंकि 32 मार्च तो कभी आता ही नहीं तभी से 31 मार्च के अगले दिन यानि 1 अप्रैल को विश्व भर मे मूर्खता दिवस के रूप मे मनाया जाने लगा।
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दोस्तों आप सभी ने सुना ही होगा की अप्रैल की पहली तारीख को मूर्खता दिवस मनाते हैं आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों एक अप्रैल को मूर्खता दिवस मनाया जाता है। सबसे पहले मूर्ख दिवस की शुरुआत फ्रांस और यूरोपीय देशों में मनाया गया था और फिर यह धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल गया। अप्रैल फूल बनाने के पीछे एक कहानी हैं उस समय एक राजा जीती और रानी एनी ने अपनी जनता के सामने अपनी सगाई की घोषणा की उन्होंने कहा कि इस साल 1381 के 32 मार्च को उनकी सगाई होगी वहां की जनता खुशी से झूम उठी लेकिन उन्हें बाद में पता चला कि मार्च में तो केवल 31 दिन ही होते हैं तब उन्हें पता चला की रानी में उन्हें मूर्ख बनाया है तभी से 1 अप्रैल को मूर्खता दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं।
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जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पूरे विश्व में 1 अप्रैल को मूर्खता दिवस के रूप में मनाया जाता है इस दिन सभी लोग एक दूसरे को झूठ बोलकर मूर्ख बनाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि 1 अप्रैल के दिन ही मूर्ख दिवस क्यों मनाया जाता है चलिए इसके पीछे की एक कहानी बताते हैं यह कहानी है राजा जीती की और रानी एनी की इन्होंने अपने जनता के सामने घोषणा की मार्च के 32 तारीख को राजा और रानी सगाई करने वाले हैं तब इस बात को सुनकर वहां की जनता इतनी खुश हुई थी सभी सगाई की तैयारी में जुट गए और जगह 31 तारीख आई तो उन्हें पता चला कि मार्च में 32 तारीख तो आती ही नहीं तब से इस दिल से मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
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