Software engineer at HCL technologies | पोस्ट किया |
Marketing Manager (Nestle) | पोस्ट किया
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते से अमेरिका को अलग करने के फैसले की आज घोषणा की. उन्होंने कहा कि ओबामा प्रशासन के दौरान 190 देशों के साथ किए गए इस समझौते पर फिर से बातचीत करने की जरुरत है.
ट्रंप ने कहा कि कुछ सालों में अमेरिका पर वित्तीय बढ़त हासिल कर लेगा भारत, चीन और भारत जैसे देशों को पेरिस समझौते से सबसे ज्यादा फायदा होने की दलील देते हुए ट्रंप ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर समझौता अमेरिका के लिए अनुचित है क्योंकि इससे उद्योगों और रोजगार पर बुरा असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि भारत को पेरिस समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने के लिए अरबों डॉलर मिलेंगे और चीन के साथ वह आने वाले कुछ साल में कोयले से संचालित बिजली संयंत्रों को दोगुना कर लेगा. ट्रंप ने कहा कि भारत, अमेरिका पर वित्तीय बढ़त हासिल कर लेगा.
अमेरिका के कारोबारियों की हितों की रक्षा के लिए लिया फैसला- व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से इस फैसले की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्हें पिट्सबर्ग का प्रतिनिधित्व करने के लिए निर्वाचित किया गया है ना कि पेरिस का. उन्होंने कहा कि वह अमेरिका के कारोबारी और कामगारों के हितों की रक्षा करने के लिए यह निर्णय ले रहे हैं.
ट्रम्प ने कहा कि मैं देश के अच्छे लोगों के लिए लड़ रहा हूं:- राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं हर दिन इस देश के अच्छे लोगों के लिए लड़ रहा हूं. इसलिए अमेरिका और उसके नागरिकों की रक्षा करने के अपने गंभीर कर्तव्य को पूरा करने के लिए अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से हटेगा लेकिन उन शर्तों के साथ पेरिस समझौते या पूरी तरह से नए समझौते पर बातचीत शुरू करेगा जो अमेरिका, उसके उद्योगों, कामगारों, लोगों और करदाताओं के लिए उचित हों.’’
अमेरिकी नागरिकों के भले से पहले किसी और चीज के बारे में नहीं सोच सकता:- ट्रंप ने कहा, ‘‘हम इससे बाहर हो रहे हैं लेकिन फिर से बातचीत शुरू करेंगे और हम देखेंगे कि क्या हम एक ऐसा समझौता कर सकते हैं जो उचित हो. अगर हम कर सकें तो यह अच्छा होगा और अगर नहीं कर सकें तो भी कोई बात नहीं. राष्ट्रपति के तौर पर मैं अमेरिकी नागरिकों के भले से पहले किसी और चीज के बारे में नहीं सोच सकता.’’
0 टिप्पणी