गांधीजी को बच्चों के साथ हंसने खेलने में बड़ा आनंद आता था। एक बार वे एक प्रारंभिक विद्यालय में गए। उन्होंने छोटे बच्चों से हंसी मजाक करना प्रारंभ किया कक्षा का एक बालक ने प्रश्न किया ‘आप कुर्ता क्यों नहीं पहनते’ मैं अपनी मां से कहूंगा कि आपके लिए भी एक कुर्ता सी दे। गांधीजी मुस्कुराए और कहा जरूर पहन लूंगा बेटा भारत में रहने वाले चालीस करोड़ सब मेरे भाई - बंधु है। उन सब के शरीर कुर्ते से ढके तभी मैं कुर्ता पहन सकता हूं। ऐसे विचारों वाले थे गांधी जी।
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