बनारस भारत की सबसे अच्छी और सुन्दर जगहों में से एक है, और सबसे अच्छी बात ये है की यह किसी जादुई नगरी से कम नहीं लगती है यहाँ पर आप अलग अलग घाटों के नज़ारे का लुफ्त उठा सकते है और यहाँ की शांत शाम में आप अलौकिक शान्ति का लुफ्त भी उठा सकते है |
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तो आज आपको बनारस के बारे में कुछ ख़ास बातें बताते है -
- वारणासी को बनारस और काशी भी कहा जाता है।
- ये शहर, गंगा नदी के तट पर है।
- ये एक बहुत ही बड़ा धार्मिक शहर माना जाता है।
- या हिंदू, जैन, और बुद्ध धर्म प्रचलित है।
- वारणासी का मुख्य भाषा बनारासी और भोजपुरी है।
- ये शहर भारत का एक मुख्य औद्योगिक केंद्र भी है।
- गौतम बुद्ध ने, इसी शहर में अपनी पहली देशना दी थी।
- अकबर ने इस शहर में दो बड़े मंदिर बनवाए, विष्णु और शिवा की याद में।
- वारणासी उत्तर भारत का सांस्कृतिक केंद्र भी रहा है।
- कहा जाता है कि वारणासी की स्थापना भगवान शिव ने की थी।
- सन् 1507 के महाशिवरात्री के समय में गुरु नानक इस शहर में आए, और सिख धर्म फैलाए।
- औरंगज़ेब के राज में, वारणासी के कई सारे मंदिर तुड़वा दिए गए थे।
- रेशम कपड़े को सीना, यहाँ का मुख्य काम है।
- ये शहर इसके बनारसी साड़ियों के लिए जाना जाता है।
- पर्यटन यहाँ का दूसरा पैसा कमाने का ज़रिया है।
वारणासी के प्रसिद्ध स्थल
- जनतर मनतर – ये सन् 1737 में बनाया गया था।
- रामनगर किला – यह गंगा के पूर्व तट, और तुलसी घाट के ठीक सामने बनाया गया है। इसे अठारवीं सदी में काशी नरेश राजा बलवंत सिंघ द्वारा बनाया गया था। इस किले में कई सारे आँगन बनाए गए हैं।
- जैन घाट – कहा जाता है कि वारणासी भगवान सूपार्श्वनाथ और पार्श्वनाथ का जन्म स्थल है। इस घाट पर तीन जैन मंदिर बनाए गए हैं। कहते हैं कि जैन महाराजाओं इस घाट को अपना बताते थे।
- दशाश्वमेध घाट – यह वारणासी का मुख्य और सबसे पुराना घाट है। कहा जाता है कि ब्रहमा ने इस घाट का निर्माण किया शिवा के लिए।