पूरे विश्व में 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस दिन की खास बात यह है कि इस दिन को पिछले 132 साल से मनाया जा रहा है और आज ही के दिन दुनिया भर के मजदूरों के अनिश्चित काम के घंटों को 8 घंटे में बदला गया था | जिससे इस बात को समझा गया जब भी कोई व्यक्ति किसी दुसरे के लिए काम करता है तो वह अनिश्चित काम कभी नहीं कर सकता है |
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इंटरनैशनल वर्कर्स डे मनाने के पीछे साल 1877 में मजदूरों ने अपने काम के घंटे तय करने की अपनी मांग को लेकर एक आंदोलन शुरू किया , जिसके बाद एक मई 1886 को पूरे अमेरिका में लाखों मजदूरों ने एकजुट होकर इस मुद्दे को लेकर हड़ताल कर दी और इस हड़ताल में करीब 11 हजार फैक्ट्रियों के 3 लाख 80 हजार मजदूर शामिल हुए थे | वही दूसरी और हड़ताल के बाद साल 1889 में पेरिस में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय महासभा की दूसरी बैठक में फ्रेंच क्रांति को ध्यान में रखते हुए एक प्रस्ताव पास किया गया और इस प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाए जाने की बात स्वीकार की गई | इस प्रस्ताव के पास होते ही अमेरिका में सिर्फ 8 घंटे काम करने की इजाजत दे दी गई.
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इसी के बाद से पूरे विश्व में काम करने की अवधि को अनिश्चित कर के केवल आठ घंटे किया गया और और इस दिन को इंटरनेशनल वर्कर्स डे के रूप में मनाया जाने लगा |