गड्ढा खोदने का काम सामन्यतः किसी ख़ास मकसद से होता है। 40000 फ़ीट की गहराई बहुत ज्यादा होती है और इतनी गहराई का कोई खास मकसद रिसर्च के अलावा हो नहीं सकता। वैसे विज्ञानं इस हद की खुदाई की बाते जनता है और इस लिए कोई ख़ास वजह नहीं है इस से ज्यादा खुदाई की। दूसरी बात यह भी है की इतनी खुदाई में खर्च काफी आता है और जैसे जैसे नीचे खुदाई होती है जमीन का तापमान ज्यादा होता है।
सौजन्य: भास्कर
कितनी भी आधुनिक मशीन लगादो इस अंतर तक की खुदाई में उसके औजार काम नहीं करते। वैसे ऐसा नहीं है की इतनी खुदाई हो नहीं सकती क्यूंकि विश्व के काफी हिस्सों में इतनी खुदाई भी हुई है। हालांकि एक आम आदमी यह काम नहीं कर सकता क्यूंकि वो इतना खर्च नहीं उठा सकता। तेल की खोज और अन्य हेतुओ के चलते इतनी खुदाई विश्व के कुछ देशो ने की है पर खर्च और साधनो की मर्यादाओ के चलते इतनी खुदाई को सही न मानते ज्यादातर कोई ऐसा काम हाथ में नहीं लेता। इस से पहले रूस में ऐसा एक गड्ढा खोदा गया था जिसकी गहराई 40111 फ़ीट थी और वो मूलतः 49000 फ़ीट तक खोदना था पर इन्ही दो मर्यादाओ की वजह से काम रोक दिया गया था।