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तिब्बत एक ऐसा मुल्क है जो की अपनी आध्यात्मिकता एवं भूगोल की वजह से विश्वभर में जाना माना है। इसके अलावा चीन के साथ के उसके रिश्ते इतने ख़ास है की शायद ही कोई ऐसा मुल्क हो जिसे इस भूभाग के बारे में पता न हो। कहा जाता है की तिब्बत के ऊपर से कोई प्लेन गुजर नहीं सकता।
सौजन्य: हिंदी समाचार
शुरुआत में तो लोग इसे एक चमत्कार ही मान रहे थे पर एविएशन एक्सपर्ट्स ने सच का खुलासा कर बताया की इस भाग में हवामान इतना विषम होता है की एक प्लेन को यहां से उड़ा ले जाना मुश्किल होता है और इसीलिए कोई भी एयरलाइन यह रुट पसंद नहीं करती।
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Youtuber | पोस्ट किया
तिब्बत जो कि क्षेत्रफल के लिहाज से एक छोटा सा देश है तिब्बत अभी चीन केअधीन है। अक्सर लोग तिब्बत के बारे में जानने में ज्यादा रुचि लेते हैं क्योंकि यह देश अन्य देशों की तुलना में काफी भिन्न है, चाहे फिर हम बात तिब्बत की सभ्यता व संस्कृति की कर ले या फिर यहां के लोगों के रहन-सहन कि यहां पर आपको बाकी देशो लोगों के मुकाबले भिन्न प्रकार का रहन-सहन व संस्कृति देखने को मिलेगी। तिब्बत के ज्यादातर हिस्से में विमानों की उड़ान पर रोक लगाई गईं है।विशेषज्ञों का मानना है कि तिब्बत दुनिया का सबसे कम दाब वाला क्षेत्र है अत्याधिक दाग होने के कारण इस क्षेत्र में विमान य यात्रियों के लिए सिर्फ 20 मिनट तक ही ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा सकती है। इसीलिए अक्सर पायलट तिब्बत की ओर उड़ान उड़ान भरने से डरते हैं। अगर कोई भी विमान तिब्बत के ऊपर से उड़ान भरता है तो आपातकाल की स्थिति में इतने कम समय में भारी संख्या में लोगों को बचा पाना मुश्किल होता है, इसके साथ ही विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि तिब्बती पठार एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर से हवाई यात्रा बिल्कुल भी संभव नहीं है क्योंकि इस क्षेत्र में हवा की कमी तो है ही साथ ही किसी भी विमान के लिए वहां से उड़ पाना संभव नहीं है। तिब्बत का वातावरण दुनिया के बाकी हवाई क्षेत्रों के वातावरण से काफी अलग है क्योंकि यह बिल्कुल माउंट एवरेस्ट के निकट है। अधिकांश से तिब्बत का भाग चारों और बड़ी-बड़ी हिमालय श्रृंखलाओं से घिरा हुआ है, और उन्हीं में से एक है माउंट एवरेस्ट इसीलिए तिब्बत के ऊपर से हवाई जहाज का और पाना संभव होता है।
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इससे पहले कि हम कारणों पर ध्यान दें, हम तिब्बत के बारे में कुछ रोचक तथ्यों पर ध्यान देते है।
तिब्बत चीन का एक स्वायत्त (autonomous) क्षेत्र है। यह चीन के दक्षिण-पश्चिम भाग में है, और यह भारत के साथ पश्चिम में नेपाल, दक्षिण-पश्चिम में बर्मा, और दक्षिण-पूर्व में भूटान के साथ सीमा साझा करता है।
तिब्बती पठार दुनिया में सबसे ऊंचा है, और यह महान हिमालय का घर है। एवरेस्ट (8850 मीटर), कंचनजंगा (8586 मीटर), माउंट कैलाश (6638 मीटर), मकालू (8481 मीटर), चो ओयू (8201 मीटर) जैसे पर्वत तिब्बती भूमि में ऊंचे हैं। इस पर्वत श्रृंखला की औसत ऊँचाई 8000 मीटर है।
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तिब्बत एक ऐसी जगह है जो विश्व में सबसे ऊंचा है। वैसे तो तिब्बत एक छोटा सा कस्बा है। जो चीन के हिस्से में आता है। हम तिब्बत से हवाई जहाज इसलिए नहीं निकाल सकते हैं क्योंकि यह सबसे ऊंचाई वाला स्थान है और अधिक ऊंचाई होने के कारण यहां ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। जिससे यात्रियों को सांस लेने में दिक्कत होती है। और अगर हम तिब्बत से हवाई जहाज को निकालते हैं तो यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है। क्योंकि हवाई जहाज में केवल 20 मिनट तक ऑक्सीजन देने की सुविधा उपलब्ध होती है। तिब्बत एक पहाड़ी एरिया है इसलिए यहां से हवाई जहाज को निकालना संभव है। तिब्बत को देश का छत भी कहा जाता है। क्योंकि यह माउंट एवरेस्ट से भी ऊंचे स्थान पर है।
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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | पोस्ट किया
तिब्बत में इसीलिए किसी भी विमान को नहीं ले जाया जाता ,क्योंकि यह दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ों की एक श्रृंखला के साथ बसा हुआ है इसकी लंबाई लगभग , 8850 मीटर हैं और इसकी ऊंचाई लगभग 29035 में पूरी होती है यह एक सबसे ऊंचा एवरेस्ट - होता है जिसके कारण विमानों के लिए एक विशाल पड़ाव कहलाता है। जबकि वाणिज्यिक विमानों के लिए केबल उड़ने की लगभग उच्चतम ऊंचाई 28- 35,000 फीट से (8000 मीटर) है। इसीलिए कोई भी विमान तिब्बत के ऊपर से नहीं गुजरता है.
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विचाराधीन मृत क्षेत्र तिब्बती पठार के ऊपर स्थित है, जो दुनिया की सबसे बड़ी बंजर भूमि में से एक है, जो अंटार्कटिका और उत्तरी ग्रीनलैंड के बाद दूसरे स्थान पर है। मनुष्यों के रहने के लिए तिब्बती पठार ग्रह पर सबसे कम मेहमाननवाज और कम आबादी वाला क्षेत्र है। यह फ्रांस के आकार के पांच गुना से अधिक क्षेत्र को कवर करता है, लेकिन सात देशों में इसकी आबादी सिर्फ 14 मिलियन से अधिक है, जिसे यह स्कैन करता है। चूँकि तिब्बती पठार दुनिया का सबसे ऊँचा भौगोलिक क्षेत्र है, जिसकी औसत ऊँचाई 4500 मीटर से अधिक है, यहाँ बहुत कम लोग रहते हैं, जिसका उपनाम "दुनिया की छत" है।
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