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Rohit Kapoor

@letsuser | पोस्ट किया |


राजा जगतपाल सिंह जी के किले पर हर साल बिजली क्यों गिरती है?


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Media specialist | पोस्ट किया


भारत एक बड़ा ही रोचक देश है और यहाँ पर हर चीज़ अपने आप में कुछ अद्भुत है, ऐसा ही है एक झारखण्ड में राची से करीब करीब 18 किलोमीटर की दूरी पर एक ऐसा ही शापित किला है जहां जाने पर रूह कांप जाती है और यहां होती रहती है कई अनहोनियां। जो आपको दिखने में तो केवल एक खंडर जैसा लगेगा लेकिन है यह बहुत खतरनाक जगहों में से एक |



Letsdiskuss courtesy-samacharnama.com


जी हाँ आज हम बात कर रहे है राजा जगतपाल सिंह के किले की, यह किला लगभग 200 वर्ष पुराना है और वज्रपातहोने के कारण यह किला पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गया है। दिन में भी स्थानीय लोग इस किले के अंदर नहीं जाते हैं, और इस जगह से जुड़ी बहुत साड़ी कहानियां प्रचलित है । यहां के लोग जो बातें बताते हैं आज के दौर में उन पर यकीन करना मुश्किल है।

रांची के पिठौरिया गांव में 2 शताब्दी पुराना राजा जगतपाल सिंह का किला है। किसी जमाने में 100 कमरो वाला विशाल महल अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। इसके खंडहर में तब्दीली का कारण इस किले पर हर साल बिजली का गिरना है।



आश्चर्य जनक रूप से इस किले पर दशकों से हर साल बिजली गिरती आ रही है जिससे की हर साल इसका कुछ हिस्सा टूट कर गिर जाता है। दशकों से ऐसा होते रहने के कारण यह किला अब बिल्कुल खंडहर हो चुका है। आप माने या ना माने लेकिन गांव वालो के अनुसार इस किले पर हर साल बिजली एक क्रांतिकारी द्वारा राजा जगतपाल सिंह को दिए गए श्राप के कारण गिरती है। वैसे तो बिजली गिरना एक प्राकृतिक घटना है लेकिन एक ही जगह पर दशकों से लगातार बिजली गिरना जरूर आश्चर्य कर देने वाली बात है।



यहाँ तक की इतिहासकारों के अनुसार भी पिठौरिया प्रारम्भ से ही मुंडा और नागवंशी राजाओ का प्रमुख केंद्र रहा है और यह इलाका 1831-32 में हुए कौल विद्रोह के कारण इतिहास में एक यादगार किस्से सा है। पिठौरिया का राजा जगतपाल सिंह ने चहुमुखा विकास किया उसे व्यापार और संस्कृति का प्रमुख केंद्र बनाया। वो क्षेत्र की जनता में काफी लोकप्रिय थे लेकिन उनकी कुछ गलतीयों ने उनका नाम इतिहास में खलनायको और गद्दारो की सूची में शामिल करवा दिया।



लोगों की मान्यता है कि विश्वनाथ शाहदेव ने जगतपाल सिंह को अंग्रेजों का साथ देने और देश के साथ गद्दारी करने पर यह शाप दिया कि आनेवाले समय में जगतपाल सिंह का कोई नामलेवा नहीं रहेगा और उसके किले पर हर साल उस समय तक बिजली गिरती रहेगी | जब तक यह किला पूरी तरह बर्बाद नहीं हो जाता। तब से हर साल पिठोरिया स्थित जगतपाल सिंह के किले पर वज्रपात हो रहा है। इस कारण यह किला खंडहर में तब्दील हो चुका है।



हालांकि वैज्ञानिकों का यह मानना है की इस किले पर बिजली गिरने के दूसरे ही कारण बताते है उनके मुताबिक यहां मौजूद ऊंचे पेड़ और पहाड़ो में मौजूद लोह अयस्को की प्रचुरता दोनों मिलकर आसमानी बिजली को आकर्षित करने का एक बहुत ही सुगम माध्यम उपलब्ध कराती है जिस कारण बारिश के दिनों में यहां अक्सर वज्रपात होता रहता है।



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