किसी भी संगठन को नियमित रूप से चलाने और उसको आगे बढ़ाने के लिए उसकी विभिन्न प्रक्रियाओं को अलग करना पड़ता है, तथा प्रत्येक प्रक्रिया पर पूरा ध्यान देना पड़ता है | यह प्रक्रिया बिलकुल वैसा ही है जैसे एक कार में कई पुर्जे होते है जैसे इंजन, गियर आदि और हर एक पुर्जे की देखरेख जरूरी होती है वरना कार ठीक से काम नहीं करती और यह भी हो सकता है कि आपकी कार आपको बीच रास्ते में धोखा दे | इसी प्रकार किसी भी संगठन में विभागीकरण (Divisional )जरूरी है क्योंकि हर एक विभाग संगठन की परफॉरमेंस को प्रभावित करता है |
संगठन विभागीकरण(Divisional ) के कई लाभ हैं | उनमें से एक प्रमुख लाभ है की इससे संगठन का संचालन बहुत आसान हो जाता है | विभागीकरण के(Divisional ) दौरान हर एक विभाग पर एक प्रबंधक (Manager )लगाया जाता है जो उस विभाग की देखरेख करता है, और संगठन हित तो ध्यान में रखकर आवश्यक निर्णय लेता है | संगठन विभाग में प्रबधक की अहम् भूमिका होती है क्योंकि वही एक कड़ी होता है जो संगठन और विभाग को जोड़े रखता है |
विभागीकरण से संगठन मजबूत होता है क्योंकि सभी विभागों पर पूर्ण रूप से और आसानी से ध्यान दिया जा सकता है और जरूरी होने पर पूर्ण संगठन को प्रभावित किये बिना किसी एक विभाग में आवश्यक परिवर्तन किया जा सकता है |
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