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चाय का नाम सुनते ही सुकून मिलता है। लेकिन यह चाय की पत्ती आती कहाँ से है? क्या कभी सोचा है? नही तो आज इस विषय पर हम चर्चा करेंगे।
दरअसल, असम राज्य मे चायपत्ती की खेती की जाती हैं।
असम प्राकृतिक सुंदरता को लपेटे हुए है।
असम बहुत ही खूबसूरत राज्य है ,यहाँ वन्य जीव के साथ मंदीर और स्मारक भी प्रसिद्ध है। यह वन्य पर्यटक कहलाता है। प्रकृति के सबसे नजदीक कोई राज्य है तो वह असम ही है।
असम मे चाय के अलावा माँ कामाख्या देवी का मंदीर है। माँ कमाख्या देवी का यह मन्दिर 51शक्तिपिठो मे से एक माना जाता है। यह असम के सबसे बड़े शहर गुवाहाटी मे स्थित है। गुवाहाटी ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर बसा हुआ बहुत ही सुंदर शहर है।
माँ कमाख्या के मासिक चक्र के समय यह मंदीर 3 दिनों तक बंद रखा जाता हैं और इस समय बृह्म्पूपुत्र नदी का पानी भी रक्त के समान लाल हो जाता है।
बिहु नृत्य -
असम का लोक नृत्य बिहु पूरी दुनिया मे प्रसिद्ध है। यह नृत्य पुरुष, महिला , और बच्चे सभी मिलकर करते हैं। बिहु त्योहर असम के लोगो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। बिहु त्योहार पर यहाँ मेले का आयोजन होता है जो मोरीगांव मे लगता है। इस मेले की यह खासियत है की यहाँ कोई भी वस्तु पैसे देकर नही ली जाती उसके बजाय यदि आपको कोई वस्तु लेना है तो बदले मे आपको भी आपकी कोई वस्तु देना होगी। यह परम्परा 500 वर्षो से चली आ रही है।
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