इंदौर मध्य प्रदेश का अहम शहर है। यह मध्य प्रदेश की आर्थिक दृष्टि से व्यवसायिक राजधानी है। इंदौर की नींव 17वीं शताब्दी मेंराव नंदलाल चौधरीने रखी थी। राव नंदलाल चौधरी जमींदार थे इनका परिवार आज भी रावला जूनी इंदौरमे रहता है। इंदौर मे कई महल है और दो बड़े विश्वविद्यालय है। इंद्र देवता के नाम पर इसका नाम इंद्रापुर रखा गया था लेकिन बाद में इसका नाम इंदौर कर दिया गया। इंदौर कोदेवी अहिल्याकी नगरी भी कहाँ जाता है। दोस्तो, इंदौर के बारे मे जितना लिखा जाए उतना कम है, यह हर तरह से परिपूर्ण है।
शिक्षा के क्षेत्र में :- इंदौर का नाम उन शहरो मे शुमार है,
जहाँ आई आई टी और आई आई एमदोनो है। यहाँ यहाँ हजारो स्कूल और कॉलेज है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, होलकर साइंस कॉलेज, महात्मा गाँधी मेडिकल कॉलेज, प्रेस्टीज कॉलेज, मेडिकैप्स आदि।
धार्मिक स्थल :-अन्नपूर्णा मन्दिर, खजरान गणेश मन्दिर,
हरसिद्धि मन्दिर, देवगुराडिया, बिजासन माता मन्दिर, गेंदेश्वर महादेव मंदीर, गोपेश्वर महादेव मन्दिर, गोपाल मंदीर, शनि मन्दिर आदि।
दर्शनक स्थल :- राजबाड़ा, महेश्वर, मांडू महल, मल्हार आश्रम, शिवविलास पैलेस, सराफा बाजार, टाउन हॉल, फटी कोठी, इमामबाड़ा, सुख निवास, पंढरीनाथ, यशवंत निवास पाताल पानी, बाज बहादुर महल, जामी मस्जिद, आदि ।
स्ट्रीट फूड :-खाने के मामले मे इंदौर का कोई जवाब नही।
देश के मशहूर शेफसंजीव कपूरका कहना है कि - कहाँ पर खाये? हर जगह, हर गली खाने से आबाद है। इंदौर को देश की स्ट्रीट फूड कैपिटलकहाँ जाता है।
स्कीम नंबर 54, 56 दुकान, सराफा, हाई कोर्ट चार्ट गली आदि। यहाँ का पोहा जलेबी, भुट्टे की किस, आलू की कचोरी, हॉटडॉग, गराडु, उसल पोहा ,नमकीन और इंदौरी सेव सबसे प्रसिद्ध है।
स्वछता के लिए :-स्वछता मे इंदौर नंबर वन पर है। नगर निगम और इंदौर निवासियो की मदद से इंदौर मे सफाई का एक नया रिकॉर्ड बना लिया है। यहाँ गिला और सुखा कचरा अलग अलग फेका जाता हैं। घर घर कचरा वाहन जाता हैं। लगातार 6 वर्षो से स्वछता का अवार्ड इंदौर शहर को ही मिल रहा है।
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