हंसना मनुष्य के जीवन की एक सहज और प्राकृतिक घटना है. यही एक चीज़ है जो हमें इस दुनिया में अनोखा बनती है और यही एक चीज़ है जो सिर्फ हमारे पास है. हँसता हुआ मुस्कुराता चेहरा हर किसी को प्यारा लगता है. मुस्कुराने वाला व्यक्ति स्वयं तो खुश रहता है दुसरो को भी खुश करता है। मुस्कान वाला चेहरा कोई भी काम आसानी से करा लेता है।
स्वेट मार्डन ने लिखा है-
"मुस्कुराहट पर खर्च कुछ नही आता है पर यह पैदा बहुत करती है इसे पाने वाले मालामाल हो जाते है परन्तु देने वाले भी दरिद्र नही रहते है। एक क्षण की मुस्कान कभी कभी स्मृति बन जाती है जो बहुत काम आती है। तब भी यह मोल नही ली जा सकती है, माँगी नही जा सकती है, उधार नही दी जा सकती है क्योंकि जब तक यह दी ना जाए तब तक संसार में यह किसी के कुछ काम की नही है।"
बचपन में हम कितना हॅसते थे और जैसे जैसे हम बड़े होते गये हमारी हंसी भी कम होती गयी है. आज की दौड़ भाग वाली जिंदगी में हम हँसाना भूल गये है जिसका सबसे बड़ा कारण तनाव है हम जीवन को कही न कही बहुत ज्यादा गंभीरता से लेने लगे है, जिस कारण से हम जीना ही भूलते जा रहे है और बस भागे जा रहे है.
हंसना हमारे जीवन के लिए कितना जरुरी है ये हम इन कुछ बातो से देख सकते है-
लार्ड बायरन ने भी कहा है “जब मौका मिले, हमेशा हंसे क्योंकि इससे सस्ती दवा कोई नही है”
1) हंसने से हद्रय की एक्सरसाइज हो जाती है। रक्त का संचार अच्छीतरह होता है। हँसने पर शरीर से एंडोर्फिन रसायन निकलता है, ये द्रव्य ह्रदय को मजबूत बनाता है। हँसने से हार्ट-अटैक की संभावना कम हो जाती है।
2) एक रिसर्च के अनुसार ऑक्सीजन की उपस्थिती में कैंसर कोशिका और कई प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया एवं वायरस नष्ट हो जाते हैं। ऑक्सीजन हमें हँसने से अधिक मात्रा में मिलती है और शरीर का प्रतिरक्षातंत्र भी मजबूत हो जाता है।
3) य़दि सुबह के समय हास्य ध्यान योग किया जाए तो दिन भर प्रसन्नता रहती है। यदि रात में ये योग किया जाये तो नींद अच्छी आती है। हास्य योग से हमारे शरीर में कई प्रकार के हारमोंस का स्राव होता है, जिससे मधुमेह, पीठ-दर्द एवं तनाव से पीङित व्यक्तियों को लाभ होता है।
4) हँसने से सकारत्मक ऊर्जा भी बढती है, खुशहाल सुबह से ऑफिस का माहौल भी खुशनुमा होता है। तो दोस्तों, क्यों न हम सब दो चार चुटकुले पढ कर या सुनकर अपने दिन की शुरुवात जोरदार हँसी के साथ करें।
5) रोज एक घंटा हँसने से 400 कैलोरी ऊर्जा की खपत होती है, जिससे मोटापा भी काबू में रहता है।
ध्यान रखे:
- आपकी हंसी से दुसरे के उपहास की झलक ना नजर आये।
- बनावटी हंसी से आपके दिमाग का खालीपन दिखाई देगा।
- यदि आप दुसरो से मजाक करके हंसते है तो स्वयं भी यह गुण उत्पन्न करे कि दुसरो के मजाक को भी सहन कर सके।
- दुर्बल व्यक्तियों, विकलांगो या किसी बीमारी की स्तिथि पर हंसना स्वयं को अपनी नजर से नीचे गिराना है।
“आपकी मुस्कान आपके चेहरे पर भगवान् के हस्ताक्षर हैं, उसे अपने आंसुओं से धुलने या क्रोध से मिटने ना दें।“
-ब्रह्माकुमारी शिवानी
एक यहूदी कहावत के अनुसार - "जैसे साबुन शरीर के लिए है, वैसे हंसी आत्मा के लिए है."
फ्रेडरिक डब्ल्यू नीत्शे- "शायद मुझे पता है कि क्यों अकेला इंसान ही ऐसा है जो हँसता है; वही ही है जो इतनी गहरी पीड़ा से गुजरता है कि उसे हँसी का आविष्कार करना पड़ा.
"