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लद्दाख के दाह गांव में जाने के लिए भारती...

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| Updated on January 2, 2020 | others

लद्दाख के दाह गांव में जाने के लिए भारतीय सेना की अनुमति क्यों जरूरी है?

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@poojamishra3572 | Posted on January 2, 2020

लद्दाख की खूबसूरती की तारीफ़ कभी भी शब्दों में बयान करना आसान नहीं है | ऐसे में हर यंगस्टर एक बार

लद्दाख जाने का प्लान जरूर बनता है| मगर लद्दाख स जुडी एक रोचक बात यह है की यहाँ के दाह गांव में जाने के लिए भारतीय सेना की अनुमति लेनी पड़ती है | तो आइए जानते है आखिर किन कारणों की वजह से ऐसा किया जाता है |क्यों की ऐसा माना जाता है की यहाँ आज भी आर्य लोग रहते हैं। जो आर्यों की उत्पति से लेकर आज तक अपनी संस्कर्ति को बचाए हुये हैं।यहाँ साल भर लोगों का घूमना होता है मगर वह भी आपको सेना की इज़ाज़त के साथ|कई लोगो का ऐसा माना जाता है की यहाँ केवल 2000 के करीब ही लोग रहते है और वह हर तरीके से केवल अपने रहन सहन और अपने कल्चर का पालन करते है |आपको जान कर हैरानी होगी की यहाँ के लोग काफी रंग बिरंगें तरह के कपडे पहनना पसंद करते है और केवल शाकाहारी खाना खाना पसंद करते है और इसके अलावा दूध से बनी चीजें भी नहीं खाते।यहाँ की महिलाएं यहां पाए जाने वाले फूल मोन्थू थो या शोक्लो से अपने बाल सजाती हैं। पुरुष अपने कान में मोती पहनते हैं। यहाँ तक की यहाँ बोली जाने वाली भाषा भी आर्यन समाज से जुडी हुई है और यह लोग आम बोल चाल में ब्रेक्सकाड भाषा का इस्तेमाल करते है |

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@zyanmalik9977 | Posted on February 4, 2020

पुरुष और महिलाएं दोनों ही कलरफुल कपड़े पहनते हैं। महिलाएं यहां पाए जाने वाले फूल मोन्थू थो या शोक्लो से अपने बाल सजाती हैं। पुरुष अपने कान में मोती पहनते हैं। शादीशुदा महिलाएं गूंथकर चोटी करती हैं जिसकी वजह से वो कुछ-कुछ ग्रीक महिलाओं जैसी दिखती हैं। भेड़ की स्किन से बने कपड़े, बालों में ऑरेंज फूल और सिल्वर गहने एक ट्रेडिशनल ब्रोकपास ड्रेस है।अच्छे नाक नक्शे, हेल्दी स्किन और फूलों से सजी ये महिलाएं बहुत खूबसूरत दिखती हैं। पुरुषों की नीली आंखे और अच्छा बिल्ड उन्हें बाकी लोगों से अलग बनाता है। यहां आर्यन्स की भाषा ब्रेक्सकाड बोली जाती है और ये बौद्धिज्म को फॉलो करते हैं।
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