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shweta rajput

blogger | पोस्ट किया | शिक्षा


क्यों बोला जाता है पत्नी की भाई को साला ?


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blogger | पोस्ट किया


"साला" शब्द की रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारी...

हम प्रचलन की बोलचाल में साला शब्द को एक "गाली" के रूप में देखते हैं, साथ ही "धर्मपत्नी" के भाई/भाइयों को भी "साला"/"सालेसाहब" के नाम से इंगित करते हैं।
"पौराणिक कथाओं" में से एक "#समुद्र_मंथन" में हमें एक जिक्र मिलता है, मंथन से जो 14 दिव्य रत्न प्राप्त हुए थे वो थे:-

  • कालकूट (हलाहल),
  • ऐरावत,
  • कामधेनु,
  • उच्चैःश्रवा,
  • कौस्तुभमणि,
  • कल्पवृक्ष,
  • रंभा (अप्सरा),
  • लक्ष्मी,
  • शंख (जिसका नाम साला था!)*
  • वारुणी मदिरा,
  • चन्द्रमा,
  • शारंग धनुष,
  • गंधर्व,
  • और अंत में अमृत...
  • "लक्ष्मीजी" मंथन से "स्वर्ण" के रूप में निकली थी,


इसके बाद जब "साला शंख" निकला, तो उसे लक्ष्मी जी का भाई कहा गया!
दैत्य और दानवों ने कहा कि अब देखो लक्ष्मी जी का भाई साला (शंख) आया है..
तभी से ये प्रचलन में आया कि नवविवाहिता "बहु" या धर्मपत्नी जिसे हम "गृहलक्ष्मी" भी कहते है, उसके भाई को बहुत ही पवित्र नाम "साला" कहकर पुकारा जाता हैं!

समुद्र मंथन के दौरान "पांचजन्य साला शंख" प्रकट हुआl इसे भगवान विष्णु ने अपने पास रख लियाl इस शंख को "विजय का प्रतीक" माना गया है, साथ ही इसकी ध्वनि को भी बहुत ही शुभ माना गया हैl विष्णु पुराण के अनुसार माता लक्ष्मी समुद्रराज की पुत्री हैं तथा शंख उनका सहोदर भाई है। अतः यह भी मान्यता है कि जहाँ शंख है, वहीं लक्ष्मी का वास होता है। इन्हीं कारणों से हिन्दुओं द्वारा पूजा के दौरान शंख को बजाया जाता हैl

जब भी धन-प्राप्ति के उपाय करो "शंख" को कभी नजर अंदाज ना करे, लक्ष्मी जी की फ़ोटो/प्रतिमा के नजदीक रखें।
जब भी किसी जातक का साला या जातिका का भाई खुश होता है तो ये उनके यहाँ "धन आगमन" का शुभ सूचक होता है और इसके विपरीत साले से संबंध बिगाड़ने पर जातक घोर दरिद्रता का जीवन जीने लगता है।
अतः सालेसाहब को सदैव प्रसन्न रखे!
लक्ष्मी स्वंय चलकर आपके घर दस्तक देगी।

धर्मो रक्षति रक्षितः

Letsdiskuss


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| पोस्ट किया


क्या आप जानते हैं कि पत्नी के भाई को साला क्यों कहा जाता है ऐसे बहुत से लोग होंगे जिन्हें या नहीं पता होता है कि आखिर इसके पीछे का कारण क्या हो सकता है तो चलिए कोई बात नहीं आज हम आपको इसकी जानकारी दे ही देते हैं।दरअसल इसके पीछे एक पौराणिक कथा है कहा जाता है कि जब समुद्र मंथन हुआ था तब उसमें 14 दिव्य रत्न मिले थे उन्हीं में से एक रत्न था शंख जिसे लक्ष्मी जी का भाई कहा गया तभी दैत्त और देवों ने कहा कि देखो माता लक्ष्मी जी का भाई शंख निकला है तभी से यह प्रचलन प्रारंभ हो गया कि जब भी कोई नवविवाहित बहू या धर्मपत्नी, जिसे सभी ग्रह लक्ष्मी भी कहते हैं उसके भाई को बहुत ही पवित्र नाम शंख यानी कि साला के नाम से पुकारा जाने लगा।Letsdiskuss


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