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Student ( Makhan Lal Chaturvedi University ,Bhopal) | पोस्ट किया
बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा का विधान है, इस दिन पंडालों को सजाया जाता है और देवी सरस्वती की आराधना की जाती है | बसंत पंचमी हरियाली का ख़ुशी का प्रतीक मानी जाती है और साथ ही माँ स्वरस्वती को विद्द्या की देवी के रूप में पूजा जाता है | बसंत पंचमी को स्वरस्वती पूजा का विधान क्यों है, आपको बताते हैं |
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बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा का विधान है। 3 दिन पंडालों को सजाया जाता है और आराधना की जाती है बसंत पंचमी हरियाली की खुशियां का प्रतीक मानी जाती है और साथ ही मां सरस्वती को विद्या की देवी के रूप में पूजा जाता है बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा का विधान क्यों है आपको बताते है -
इस दिन क्यों की जाती है मुख्य रूप से सरस्वती पूजा पौराणिक मान्यता के अनुसार, ज्ञान की देवी मां सरस्वती माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को अपने पिता ब्रह्मा जी के मुख से प्रकट हुए थे। यही वजह है कि बसंत पंचमी प्रमुख रूप से मां सरस्वती की पूजा की जाती है।
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