नेस्ले पर सुप्रीम कोर्ट ने 640 करोड़ का ज...

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| Updated on January 8, 2019 | News-Current-Topics

नेस्ले पर सुप्रीम कोर्ट ने 640 करोड़ का जुर्माना क्यों किया ?

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@prreetiradhikataneja4530 | Posted on January 8, 2019

Maggie से जुड़े सभी विवादों के लिए एक बार फिर से नेस्ले कंपनी सुप्रीम कोर्ट तक वापस पहुंच गयी हैं आपको बता दे कि एक सुप्रीम कोर्ट ने नेस्ले कंपनी को मैगी नूडल्स की उत्पाद के लिए लोगो को गुमराह करने वाले तथ्य देने के लिए 640 रुपए का जुर्माना लगाया हैं |


साल 2015 अगस्त में, केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने (NCDRC) नेस्ले के खिलाफ मामला कोर्ट में दायर किया था और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था |

मैगी से जुड़े विवाद और मुकदमें 5 जून 2015 को FSSAI के आदेश की पृष्ठभूमि में आया। जब फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने नेस्ले से कहा, उच्च उपस्थिति के कारण बाजार से मैगी नूडल्स के सभी वेरिएंट को वापस लाया जाए | उपभोक्ता मंत्रालय ने नेस्ले कंपनी के खिलाफ कई संगीन आरोप लगाए, जिसमें अनुचित व्यापार व्यवहार और उसके उत्पाद 'मैगी' के लिए लोगो को गुमराह और भ्रमित करने वाले विज्ञापन शामिल हैं| भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने मैगी के नमूनों में लैड का स्तर अत्यधिक पाए जाने के बाद मैगी नूडल्स पर रोक लगा दी थी और इसे मानव उपयोग के लिए 'असुरक्षित और खतरनाक' बताया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जून 2015 में, नेस्ले ने देश भर में फैले 3.5 खुदरा विक्रेताओं से 38,000 टन मैगी नूडल्स को वापस बुलाया और नष्ट कर दिया। इस कदम से कंपनी को 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

Loading image... (Courtesy : The News Minute )

उसके बाद 16 दिसंबर, 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने एनसीडीआरसी की कार्यवाही पर रोक लगा दी और केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (CFTRI ) द्वारा इसकी मैगी नूडल्स का परीक्षण करने को कहा , और परिक्षण के बाद नेस्ले को सही साबित कर के इस बात की पुष्टि कर दी गयी की यह अब पूरी तरह से सुरक्षित है और अप्रैल 2016 तक इसे फिर से बाज़ार में वापस ले आया गया |

लेकिन उसके बाद नवीनतम विकास में सर्वोच्च न्यायालय ने दिसंबर 2015 में वापस आने वाली एनसीडीआरसी पर लगाई गई रोक को हटा कर नेस्ले के खिलाफ भारत सरकार द्वारा की गई शिकायतें - 640 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग को स्वीकृत कर लिया |

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की ने निर्देश दिया कि सीएफटीआरआई की रिपोर्ट को आगे की कार्यवाही के लिए एनसीडीआरसी के समक्ष भेजा जाए |

नेस्ले के Vice-President अबनीश रॉय ने बताया की “नेस्ले maggi को बाजार में लाने से पहले अपने मैगी के सभी नमूनों के लिए उसे अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में परिणाम के लिए भेजा गया था |

हलाकि चारो तरफ कहा जा रहा है कि 2015 के बाद से इस पूरे विवाद ने कंपनी को बुरी तरह प्रभावित किया और भारी मात्रा में नुक्सान भी हुआ है। धीमी बिक्री से लेकर नकारात्मक ब्रांड एक्सपोजर तक | ऐसा माना जा रहा है की अब एक बार फिर से इस मुद्दे से नेस्ले को बड़ा नुक्सान झेलना पड़ सकता हैं , जो फिर से एक बार इसकी बिक्री पर असर करेगी |

देखने वाली बात यह होगी की इस बार नेस्ले क्या marketing strategy इस्तेमाल करता है खुद को इस मुसीबत से बचाने के लिए |

Loading image...(Courtesy : giphy.com )

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