एक सवाल हमेशा हर लोगो के मन में रहता है और वह सवाल आज पूरी दुनिया के लोगों के मन में रहता ही होगा आखिर कब यह वायरस का प्रकोप कम होगा और कब जिंदगी फिर से पहले की तरह नॉर्मल हो जाएगी. लोगों को तो यही लगता है की जिंदगी फिर से पहले की तरह नॉर्मल हो जाएगी और जैसे पहले सब कुछ चल रहा था वैसे ही व्यवस्थाएं फिर से चलने लग जाएंगी. और हम कहीं भी आ जा सकेंगे....
मगर आपको इन सभी बातों को दरकिनार करना होगा और सच के साथ जीना पड़ेगा. सचाई यह है कि अब सब कुछ नॉर्मल होने में काफी लंबा समय खींचा जाएगा यह समय कितना खींचा जाएगा और कब तक यह सारा सिस्टम पहले की तरह सुचारू ढंग से चल पाएगा इसको लेकर कोई भी कुछ नहीं कह सकता.कोई भी मेडिकल संस्था भी इस बात को नहीं बता सकती कि आखिर हालात कब पहले की तरह होंगे. प्रकोप तो कम हो जाएगा मगर पहले की तरह जो जिंदगी थी वैसी उम्मीदें आप अब मत रखिए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ माइक रेयान ने कहा है कि कोरोना के इस विषाणु के खत्म होने को लेकर जिनते दावे किये जा रहे हैं, उनसे सतर्क रहने की ज़रूरत है. हो सकता है अब यह वायरस हमारे जीवन का हिस्सा हो जाए. जैसे HIV कहां गया. अगर टीका मिल भी जाता है तब भी इसे नियंत्रित करने के लिए व्यापक अभियान की ज़रूरत होगी.ऐसा भी नहीं है कि टीका मिला और सबके घर तक पहुंच गया.इस वक्त टीका खोजने पर 100 से अधिक प्रयोग चल रहे हैं. ऐसे बुहुत से टीके बने लेकिन बीमारियां खत्म नहीं हुईं. आज तक चेचक होता ही रहता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बात को दर्शा रहा है कि हम पहले की तरह अब नहीं जी पाएंगे.कुछ समय तो लगेगा मगर नियंत्रित कर लिया जाएगा. उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि नियंत्रित कर लिया जाएगा इसका मतलब यह नहीं कि पूरी तरह खत्म कर हो जाएगा. यानी कि वायरस अब हमारी रोजमर्रा जिंदगी का ही अंग बन चुका है. हमारी जिंदगी के साथ-साथ चलेगा. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल हमेशा रखना पड़ेगा.मास्क लगाकर रखना पड़ेगा सैनिटाइजर 24 घंटे जेब मे ही रखना. भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना होगा. हमारी सुरक्षा हमारे हाथों में होगी. हमें वायरस को अपने जीवन का एक अंग मानना पड़ेगा.