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हम सभी जानते हैं कि तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम सबसे अमीर और भारत में सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। लेकिन, सामान्य रूप से ज्ञात सामान्य ज्ञान से परे बहुत सारे दिलचस्प रहस्यमय तथ्य हैं। इस तथ्य की तरह कि भगवान बालाजी की मूर्ति असली बाल पहनती है। या, कि पूजा के लिए पवित्र वस्तुएं स्थानीय रूप से खट्टी नहीं हैं। कैसे इस बारे में - देवता की मूर्ति को पसीना बहाने की प्रवृत्ति है!
एक अज्ञात गाँव का रहस्य
तिरुपति बालाजी मंदिर में रखे गए देवताओं की अनुष्ठान पूजा के लिए तिरुपति से लगभग बाईस किलोमीटर दूर स्थित एक अज्ञात गांव से फूल, स्पष्ट मक्खन, दूध, मक्खन-दूध, पवित्र पत्ते इत्यादि मंगवाए जाते हैं। छोटे से गाँव को कभी भी किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा अपने लोगों को छोड़कर नहीं देखा गया है।
देवता की मूर्ति केंद्र में नहीं है
भगवान तिरुपति बालाजी की मूर्ति को गर्भगृह के केंद्र में खड़ा हुआ दिखाई दे सकता है, लेकिन तकनीकी रूप से, ऐसा नहीं है। मूर्ति को वास्तव में मंदिर के दाहिने हाथ के कोने में रखा गया है।
बालाजी के असली बाल
भगवान बालाजी द्वारा पहने गए बाल रेशमी, चिकने, उलझन रहित और बिल्कुल असली हैं। उन दोषपूर्ण तालों के पीछे की कहानी कुछ इस तरह से है - भगवान बालाजी, पृथ्वी पर अपने शासन के दौरान, एक अप्रत्याशित दुर्घटना में अपने कुछ बाल खो गए थे। नीला देवी नाम की एक गंधर्व राजकुमारी ने जल्दी से इस घटना पर ध्यान दिया और अपने शानदार माने के एक हिस्से को काट दिया। उसने अपने कटे हुए ताले को विनम्रतापूर्वक भगवान को अर्पित किया और उनसे अपने सिर पर लगाने का अनुरोध किया। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर, देवता ने इस प्रकार की भेंट को स्वीकार कर लिया और वचन दिया कि जो भी उसके तीर्थ के दर्शन करेगा और उसके चरणों में अपने केश अर्पित करेगा, वह धन्य हो जाएगा। तब से, भक्तों के बीच मंदिर में अपनी इच्छा पूरी होने से पहले या बाद में सिर मुंडवाने का रिवाज रहा है।
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* तिरुपति बालाजी का मंदिर हमारे भारत में एक ऐसा धार्मिक स्थल माना जाता है ! जिसमें अनेक चमत्कारी कथाएं प्रचलित हैं
सभी का ऐसा मानना है कि बालाजी के सिर पर रेशम के बाल है और वह कभी भी नहीं उलझते है तथा हमेशा ताजे रहते हैं! और यहां पर भगवान तिरुपति बालाजी के सामने एक दीपक भी जलता रहता है और ऐसा कहा जाता है कि उस दीपक में कभी भी तेल नहीं डाला जाता है ! इसलिए तिरुपति भगवान बालाजी की मंदिर इस राज्य की प्रसिद्ध मंदिर मे से एक मानी जाती है।
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भारत के सबसे चमत्कारिक और रहस्यमई मंदिरों में से एक है जो तिरुपति बालाजी के नाम से यह मंदिर भी विख्यात है। और भगवान तिरुपति बालाजी के दरबार में गरीब और अमीर दोनों प्रकार के व्यक्ति आते हैं और सच्चे श्रद्धा भाव के साथ अपना सिर झुकाते हैं। और ऐसा कहा जाता है कि अगर तिरुपति बालाजी के मंदिर में सच्चे भक्त के साथ अगर कोई अपने मुरादे पूरी करना चाहता है तो वह सच्चे मन से उनका नाम लेकर सिर झुका कर अपनी मुरादे मांगता है तो उनकी मनोकामना पूर्ण होती है। और मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धा के अनुसार यहां आकर तिरुपति बालाजी के मंदिर में अपने बाल दान करते हैं। और तिरुपति बालाजी की मंदिर में कुछ ऐसी रहस्य जुड़े हैं जिनको जानकर इंसान दंग रह जाता है कहा जाता है कि भगवान वेंकटेश की मूर्ति पर कॉल लगाकर सुनने पर समुद्र की लहरों की ध्वनि सुनाई देती है और इसी की वजह से मंदिर की मूर्ति हमेशा नाम रहती है.।
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हमारे भारत देश में कई धार्मिक स्थान है जिनमें से सबसे प्रसिद्ध है तिरुपति बालाजी का मंदिर है यह मंदिर धार्मिक स्थलों में से सबसे प्रसिद्ध है और यहां की बहुत ही चमत्कारी कथाएं प्रचलित है।
कहा जाता है कि भगवान बालाजी की सिर पर रेशम के बाल है जो कभी भी उलझते नहीं है पर यह हमेशा ताजे रहते हैं।
और इस मंदिर से 23 किलोमीटर आगे एक गांव है और उस गांव में बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता है वहां की महिलाएं ब्लाउज नहीं पहनती हैं और उसी गांव से लाए गए फूल भगवान तिरुपति जी को चढ़ाए जाते हैं और वही की अन्य वस्तुएं जैसे घी मक्खन आदि चीजें भी भगवान को चढ़ाई जाती है।
और भगवान बालाजी के मंदिर में एक दिया हमेशा चलता रहता है और कहा जाता है कि उस दिए में कभी भी तेल नहीं डाला जाता है और इस बात को कोई नहीं जानता है कि यह दीपक कई वर्षों से बिना तेल के जलते आ रहा है इसलिए यह मंदिर इस राज्य की प्रसिद्ध मंदिर है।
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