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होयसलेश्वर मंदिर मे दिल्ली सल्तनत की मुस्लिम सेनाओं द्वारा लूट गया और मंदिर को नष्ट करने की कोशिश की और खंडहर करकें मंदिर को छोड़ दिया गया। उसके बाद होयसलेश्वर मंदिर का नाम बदलकर हेलेबिदु रख दिया गया।
इस मंदिर के निर्माण का श्रेय राजवंश के पूर्व राजा, राजा विष्णुवर्धन होयसलेश्वर को जाता है, यह भी कहा जाता है कि राजा के एक मंत्री केतमाला का इस मंदिर के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है। इस मंदिर को किसने बनवाया, इसके बारे में लोगो को इसलिए भ्रम है क्योंकि, होयसला के अन्य स्मारकों की तुलना मे इस मंदिर के डिजाइन में उतने गहरे शिलालेख नहीं बने थे।
होयसलेश्वर मंदिर सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है,प्रतिदिन सुबह 6.30 बजे से रात 9 बजे के बीच खुला रहता है, मंदिर के अंदर जाने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं लगती है।
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आई आज हम आपको इस आर्टिकल में होय सलेश्वर मंदिर के बारे में बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण कब हुआ था और इसको नष्ट किसने किया था,इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था यह मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है यह मंदिर होयसला साम्राज्य के पूर्व राजधानी हलेबिदु में स्थित है, यह मंदिर अपनी बनावट और सुंदरता के कारण काफी विख्यात है,शायद ही दुनिया भर में इस मंदिर के जैसे सुंदर मंदिर कहीं पर हो सकती है ऐसी मानता है कि इस मंदिर की सुंदरता किसी और मंदिर से मिलती-जुलती नहीं है,अब बात करते हैं कि इस मंदिर को नष्ट किसके द्वारा किया गया था तो मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि अलाउद्दीन खिलजी की दिल्ली सल्तनत सेनाओ द्वारा आक्रमण किया गया,मंदिर को लूट गया और फिर बाद में मंदिर को नष्ट कर दिया गया।
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