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22 दिसम्बर 1901में बांग्ला के मशहूर कवि और विचारकरविंद्रनाथ टैगोरजी ने शांति निकेतन की स्थापना की थी। अपने अलग अंदाज, शांति और अपूर्व शिक्षा पद्धति को लेकर शांति निकेतन की अपनी पहचान है। आज शांति निकेतन का नाम विश्वभारती है। जहाँ लगभग6000 विधार्थी पढ़ते है। शांति निकेतन कोलकतासे 180 किलो मीटर उत्तर की ओर पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित है। रविंद्रनाथ टैगोर के पिता महर्षि देवेंद्रनाथ टैगोर ने सन् 1863 मे 7 एकड़ की जमीन पर एक आश्रम की स्थापना की थी, वही आज विश्वभारती है। यहाँ भारत की पुरानी आश्रम शिक्षा पद्धति लागू है, जिसके अनुसार पेड़ के नीचे जमीन पर बैठाकर पढ़ाई होती है। शांति निकेतन का अर्थ होता है :- शांति से भरा हुआ घर। शांति निकेतन सिर्फ पढ़ाई के लिए ही न बल्कि अपनी कला अभिव्यक्ति के लिए भी मशहूर है। रविंद्रनाथ टैगोर को प्रकृति का सानिध्य बहुत पसंद था उनका मनाना था कि छात्रों को प्राकृति के सानिध्य मे शिक्षा हासिल करना चाहिए। अपनी इसी सोच को ध्यान मे रखते हुए उन्होंने शांति निकेतन की स्थापना की थी।
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इस चर्चा करते हैं कि शांतिनिकेतन की स्थापना किसने की और कब की, दोस्तों आप सभी ने मशहूर कवि और विचारक रविंद्र नाथ टैगोर जी ने शांति निकेतन की नींव रखी थी यानी कि शांतिनिकेतन का निर्माण रविंद्र नाथ टैगोर जी के द्वारा किया गया था शांतिनिकेतन का निर्माण सन 1901 में बांग्ला के कवि रवींद्र नाथ टैगोर के द्वारा किया गया था, इन्होंने जब इस विश्वविद्यालय की शुरुआत की थी तब यहां पर केवल पांच स्टूडेंट को लेकर शिक्षा की शुरुआत की गई थी और आगे चलकर सन 1921 में यह शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय बन गया,और फिर इस विश्व विद्यालय शांतिनिकेतन का नाम बदलकर विश्व भारती रख दिया गया,जहां वर्तमान समय में 6000 से भी अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं यह जगह कोलकाता से 180km उत्तर की ओर पश्चिम बंगाल के वीर भूमि जिले में स्थित है,यह सांतिनिकेतन विश्व की सभी विद्यालयों से अनोखा और अलग है।
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