हिन्दू धर्म के वेदो हिन्दू धर्म के वेदोके अनुसार ॐ शब्द खुद में ही इतना शक्तिशाली है कि इसके उच्चारण मात्रा से ही हमारे आस-पास का वातावरण सकारात्मक हो जाता है | ॐ शब्द के उच्चारण से ही समस्त दुखो और कष्टो का विनाश होता है तथा हर कामना की प्रतिपूर्ति हो जाती है | ॐ अक्षर के बिना कोई भी पूजा पूर्ण नही मानी जाती, हमने अक्सर धार्मिक जगह में हो रही कथाओ, पाठो और अन्य पूजा आरतियों में ॐ का उच्चारण अवश्य ही सुना होगा |
वेदो के अनुसार कहा जाता है बिना ॐ उच्चारण के सृष्टि की कल्पना भी नही की जा सकती व सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड से सदा ओम की ध्वनि निकलती है | ओम तीन अक्षरो अ, उ तथा म से मिलकर बना है,जिनमे अ का अर्थ होता है उत्तपन होना, उ का अर्थ है उठना अर्थात विकास होना तथा म का अर्थ है मौन धारण करना यानी ब्रह्मलीन हो जाना |
ॐ का उच्चारण हर मंत्र के पहले होता है | बिना ॐ के कोई मंत्र पूरा नहीं होता | मंत्र हमेशा हमारे जीवन में एक सकारात्मक वातावरण बना कर रखता है | जैसे बिना मंत्र पूजन अधूरा होता है वैसे ही बिना ॐ के उच्चारण के हर मंत्र अधूरा होता है |