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वैदिक काल प्राचीन भारतीय संस्कृति का कालकांड था। इसकी जानकारी हमें वेदों से प्राप्त होती है। गांव के मुखिया और ग्रामीणों को विश प्रधान कहा जाता था। और उन्हें जन के शासन का राजन कहा जाता था। और गांव का मुखिया प्रशासनिक तथा नैतिक कार्यों के लिए ग्राम का नेता भी होता था। मैं गांव के जनता के हितों का कार्य करता था। और विश्वपति राजा के साथ युद्ध में जाते तथा वहां युद्ध में राजा की विजय के लिए प्रार्थना किया करते थे। वैदिक काल में पांच काल खंडों को बताया गया है।
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वैदिक काल में गांव का प्रमुख उसी गांव के मुखिया ग्रामीणों और विश का प्रधान विश्व पति को कहा जाता है और उन्हें ही जन के शासन का राजन भी कहा जाता है और ग्रामीण का मुखिया तथा प्रशासनिक तथा नैतिक सैनिक कार्यों के लिए ग्राम का नेता भी होता है वह ग्रामीण जनता के हितों का प्रतिनिधित्व भी करता है और विशपति राजा के साथ युद्ध भूमि में जाते तथा वहां युद्ध में राज की विजय के लिए प्रार्थना भी किया करते थे.।
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