छठ पूजा क्यों की जाती है ? - letsdiskuss
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Rohit Valiyan

Cashier ( Kotak Mahindra Bank ) | पोस्ट किया | ज्योतिष


छठ पूजा क्यों की जाती है ?


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जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इस वर्ष 28 अक्टूबर से छठ पूजा शुरू होने वाली है। छठ पूजा हमारे भारत देश की प्रमुख पर्वों में से एक है। आज हम आपको इस आर्टिकल में छठ पूजा की विधि के बारे में बताएंगे।

छठ पूजा की विधि :-

छठ पूजा के त्यौहार पर माता छठी और सूर्य देव की उपासना की जाती है इस पूजा में 36 घंटे का निर्जला उपवास रखा जाता है कार्तिक शुक्ल के छठवीं के दिन घर की साफ सफाई करके पकवान बनाते हैं और सूर्यास्त के समय सभी लोग बांस की टोकरी पर पकवान रखकर नदी के तट पर ले जा कर पूजा की जाती है।इसके बाद दीप जलाया जाता है। और शाम को घर लौटने के बाद परिवार वालों के साथ छठ माता का जागरण करने से छठ माता प्रसन्न हो जाती हैं और आपके जीवन में खुश रहने का वरदान देती है। Letsdiskuss

और पढ़े- छठ माता की पूजा विधि समझाइये ?


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दिवाली के छठे दिन यह पूजा की जाती है | सूर्य श्रष्टि होने के कारण इस व्रत में भगवान सूर्य की पूजा की जाती है | यह व्रत साल में दो बार मनाया जाता है | एक बार चैत्र में और दूसरी बार कार्तिक में आता है | इस व्रत को लोग स्वस्थ, निरोग और खुशहाल रहने की कामना से करते हैं | छठ पूजन विशेष तौर सूर्य और उनकी पत्नी उषा को समर्पित किया जाता है |

सबसे पहले छठ पूजा सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने की थी वो हर रोज भगवान सूर्य देव को जल का अर्घ्य देते थे , जिसके कारण वो बहुत ही बलशाली बने | आज भी हिन्दू धर्म में सूर्य देव को सुबह जल से अर्घ्य देने की प्रथा प्रचलित है | उसके बाद इस व्रत को द्रोपदी ने भी किया जिससे फलस्वरूप पांडवो को उनका राज पाठ वापस मिला |

छठ का महत्व :-
छठ पूजा में एक ये महत्वपूर्ण कथा भी प्रचलित है | प्रियव्रत नाम का एक राजा था और उस राजा की कोई संतान नहीं थी | जिस कारण वो बहुत ही दुखी था इसके लिए महर्षि कश्यप ने राजा को पुत्रयेष्टि यज्ञ करवाने की सलाह दी और उनके राजा ने यह यज्ञ करवाया जिसके फलस्वरूप उसके घर पुत्र का जन्म हुआ |

परन्तु उनका पुत्र मारा हुआ पैदा हुआ | जब वह अपने बच्चे को दफ़नाने के लिए लेकर जा रहे थे, उसी समय आसमान से एक अनोखी रौशनी के साथ एक विमान उतरा और उसमें बैठी देवी जो की षष्ठी देवी थी उन्होंने कहा में दुनिया के सभी बालकों की रक्षिका हूं।

षष्ठी देवी ने उस मरे हुए बच्चे के शरीर को छुआ और उस बच्चे पर प्राण आ गए | उसके बाद राजा ने उस दिन से इस त्यौहार की घोषणा कर दी | छठ पूजा के समय षष्ठी देवी की पूजा की जाती है | यह व्रत विशेष रूप से अपने लड़के के लिए किया जाता है, बेटे की लंबी आयु और उसके स्वास्थ की अच्छी कामना के लिए यह व्रत किया जाता है |

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