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दहेज़ लेन-देन के जिम्मेदार कौन है,लड़की व...

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| Updated on August 10, 2023 | others

दहेज़ लेन-देन के जिम्मेदार कौन है,लड़की वाली या लड़के वाले ?

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@seemathakur4310 | Posted on July 25, 2018

दहेज़ लेना व देना दोनों ही कानूनन जुर्म है, परन्तु आज भी कई ऐसे परिवार हैं व लोग हैं जो परम्परा के नाम पर दहेज़ लेते हैं व देते हैं | भारत में बच्ची के जन्म से ही माता पिता को यह चिंता सताने लगती है की अब उसकी शादी के लिए धन जमा करना है | यह मानसिकता हर परिवार की नहीं हो सकती परन्तु देश की आधी से ज्यादा जनसख्या इसी मानसिकता से विकृत है | विकृत इसलिए है क्योंकि जहां एक तरफ बेटा इन उम्मीदों से बड़ा किया जाता है की वह बड़ा होकर परिवार का सहारा बनेगा वहीं बेटी को यह समझा बुझा कर बड़ा किया जाता है की उसे दूसरे घर जाना है |

दहेज़ के लेन देन में गलती तो दोनों ही पक्षों की होती है जो दहेज़ ले रहा हो उसकी भी और जो दे रहा हो उसकी भी परन्तु समझने की बात यह है की अत्यधिक गलती किसकी है और क्यों है | मेरी नज़र में अत्यधिक गलती लड़की के माता पिता की है | मांगने वाले की सोच बदलने के लिए देने वाले को अपनी सोच बदलना ज्यादा ज़रूरी है | यदि माता पिता अपनी बेटी को जन्म से ही यह सोचकर बड़ा करे की उन्हें उसे उसके खुद के पैरों पर खड़ा करना है , दहेज़ की जगह उसकी शिक्षा और सपनो को पूरा करने के लिए पैसे जमा करें और किसी ओर के घर को संवारने के सपने दिखने के पूर्व उसकी खुद की ज़िन्दगी संवारने का ज्ञान उसे दे तो बेटी क्या नहीं कर सकती | अगर वह अपने खुद के पैरों पर खड़ी होगी तो उसको अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए किसी और के सहारे की जरूरत नहीं होगी और न ही लड़के वालो को यह सोचकर दहेज देना पड़ेगा की वह आपकी बेटी की जरूरतें व ख्वाहिशे तभी पूरी कर पाएंगे जब आप उन्हें पैसे देंगे | भारत में दहेज़ देने के बाद भी हर दिन एक लड़की मौत के मुँह में जाती है |तो यह सोचना की बेटी दहेज़ देकर खुश रहेगी , पूर्णतया गलत है
दहेज़ लेना व माँगना एक मानसिक विकृति है ओर यदि आपसे कोई यह कहे की उन्होंने अपने बेटे पर इतना पैसा लगाया तो आपका फ़र्ज़ बनता है दहेज़ देने का , या वह आपकी बेटी को अपने घर रखेंगे उसका दहेज़ , तो सबसे सही यही होगा की आप उन्हें दरवाजे का रास्ता दिखा दें |
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@setukushwaha4049 | Posted on June 7, 2022

मेरे ख्याल से तो दहेज़ लेने और दहेज़ देने वाले दोनों क़ानून जुर्म है। लेकिन दहेज देने के लिए हर माता-पिता मजबूर होते है, क्योंकि आज के समय मे पढ़े -लिखें होते हुये भी लोग शादी मे लड़की वालो से दहेज़ की मांग करते है, लड़की वालो को दहेज़ के लिए डराते धमकाते है कि यदि अपने शादी मे दहेज़ नहीं दिया तो हम बीच मे ही शादी तोड़ देंगे आपकी लड़की शादी नहीं करेंगे ऐसी धमाकियो से डर कर उनकी दहेज़ की मांग मजबूरन पूरा करना पड़ता है।Loading image...

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@krishnapatel8792 | Posted on June 7, 2022

हमारे भारत देश में आज भी दहेज की परंपरा चली आ रही है। यह परंपरा कई युगों से चली आ रही है। जब बेटी जन्म लेती है तो तभी माता-पिता को लगने लगता है कि वे एक बोझ बनकर आई है। क्योंकि जब उसकी शादी होगी तो लड़कों वालों के लिए ढेर सारा पैसे देना होगा नहीं तो उनकी बेटी की शादी नहीं होगी। इस तरह हमारे भारत देश में दहेज लेना और दहेज देना दोनों ही कानूनन जुर्म है जो व्यक्ति दहेज लेता है या फिर दहेज देता है उसके तहत धारा 498ए जो कि पति और उसके रिश्तेदार द्वारा संपत्ति और महंगे गहने मांगने पर शिकायत कर सकते हैं।Loading image...

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@meenakushwaha8364 | Posted on August 9, 2023

दहेज लेने -देने के लिए लडके वाले और लड़कियां वाले दोनों जिम्मेदार है,ज़ब शादी के लिए लडके वाले लड़की के घर जाते है और लड़की वालो से दहेज की मांग करते है तो लडके वालो की मांग क़ो पूरा कर देते है जिसके कारण लडके वालो क़ो और ज्यादा बढ़वा मिल जाता है।और आगे चलकर शादी के बाद लड़की के ऊपर प्रेशर बनाते है और उसके पिता से दहेज़ की मांग करने लगते है और ज़ब लड़की के पिता लडके की मांग पूरी नहीं करते है तो लड़की क़ो मारते पीटते है।Loading image...

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