Sales Executive in ICICI Bank | पोस्ट किया |
Creative director | पोस्ट किया
दहेज़ लेना व देना दोनों ही कानूनन जुर्म है, परन्तु आज भी कई ऐसे परिवार हैं व लोग हैं जो परम्परा के नाम पर दहेज़ लेते हैं व देते हैं | भारत में बच्ची के जन्म से ही माता पिता को यह चिंता सताने लगती है की अब उसकी शादी के लिए धन जमा करना है | यह मानसिकता हर परिवार की नहीं हो सकती परन्तु देश की आधी से ज्यादा जनसख्या इसी मानसिकता से विकृत है | विकृत इसलिए है क्योंकि जहां एक तरफ बेटा इन उम्मीदों से बड़ा किया जाता है की वह बड़ा होकर परिवार का सहारा बनेगा वहीं बेटी को यह समझा बुझा कर बड़ा किया जाता है की उसे दूसरे घर जाना है |
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Occupation | पोस्ट किया
मेरे ख्याल से तो दहेज़ लेने और दहेज़ देने वाले दोनों क़ानून जुर्म है। लेकिन दहेज देने के लिए हर माता-पिता मजबूर होते है, क्योंकि आज के समय मे पढ़े -लिखें होते हुये भी लोग शादी मे लड़की वालो से दहेज़ की मांग करते है, लड़की वालो को दहेज़ के लिए डराते धमकाते है कि यदि अपने शादी मे दहेज़ नहीं दिया तो हम बीच मे ही शादी तोड़ देंगे आपकी लड़की शादी नहीं करेंगे ऐसी धमाकियो से डर कर उनकी दहेज़ की मांग मजबूरन पूरा करना पड़ता है।
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| पोस्ट किया
हमारे भारत देश में आज भी दहेज की परंपरा चली आ रही है। यह परंपरा कई युगों से चली आ रही है। जब बेटी जन्म लेती है तो तभी माता-पिता को लगने लगता है कि वे एक बोझ बनकर आई है। क्योंकि जब उसकी शादी होगी तो लड़कों वालों के लिए ढेर सारा पैसे देना होगा नहीं तो उनकी बेटी की शादी नहीं होगी। इस तरह हमारे भारत देश में दहेज लेना और दहेज देना दोनों ही कानूनन जुर्म है जो व्यक्ति दहेज लेता है या फिर दहेज देता है उसके तहत धारा 498ए जो कि पति और उसके रिश्तेदार द्वारा संपत्ति और महंगे गहने मांगने पर शिकायत कर सकते हैं।
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| पोस्ट किया
दहेज लेने -देने के लिए लडके वाले और लड़कियां वाले दोनों जिम्मेदार है,ज़ब शादी के लिए लडके वाले लड़की के घर जाते है और लड़की वालो से दहेज की मांग करते है तो लडके वालो की मांग क़ो पूरा कर देते है जिसके कारण लडके वालो क़ो और ज्यादा बढ़वा मिल जाता है।और आगे चलकर शादी के बाद लड़की के ऊपर प्रेशर बनाते है और उसके पिता से दहेज़ की मांग करने लगते है और ज़ब लड़की के पिता लडके की मांग पूरी नहीं करते है तो लड़की क़ो मारते पीटते है।
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